सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 में बदलाव कर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने के मामले को अब बड़ी बेंच के पास नहीं भेजेगा। इस बदलाव को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एनवी रमन के नेतृत्व में पाँच जजों की बेंच ने यह फ़ैसला दिया। यानी यही बेंच अब इस मामले की सुनवाई करती रहेगी। याचिका में इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजने की माँग की गई थी।
अनुच्छेद 370 के ख़िलाफ़ याचिकाओं के लिए बड़ी बेंच की ज़रूरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट
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- 2 Mar, 2020
सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 में बदलाव कर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने के मामले को अब बड़ी बेंच के पास नहीं भेजेगा। इस बदलाव को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एनवी रमन के नेतृत्व में पाँच जजों की बेंच ने यह फ़ैसला दिया।

इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजने का सवाल इसलिए था कि अनुच्छेद 370 पर पहले भी दो बार फ़ैसले आए चुके हैं- एक बार 1959 में और दूसरी बार 1970 में। इन्हीं फ़ैसलों का जस्टिस एनवी रमन की बेंच ने ज़िक्र किया और कहा कि 1959 में प्रेमनाथ कौल बनाम जम्मू-कश्मीर और 1970 में संपत प्रकाश बनाम जम्मू-कश्मीर पर फ़ैसलों में अनुच्छेद 370 की प्रकृति के बारे में कोई विरोधाभास नहीं है और इसलिए इसे बड़ी बेंच के पास भेजने की ज़रूरत नहीं है।