Kanwar Yatra: सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के लिए क्यूआर कोड प्रदर्शित करने की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों से जवाब मांगा है। इस बीच कांवड़ियों की हरकतों पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी हुई है।
कांवड़ यात्रा मार्ग की फाइल फोटो
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी खाद्य प्रतिष्ठानों पर QR कोड प्रदर्शित करने के निर्देश को चुनौती दी गई है। इन QR कोड्स के माध्यम से दुकान मालिकों के नाम और पहचान का खुलासा होता है।
जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को तय की है।
याचिका में दावा किया गया है कि यह निर्देश पिछले साल 22 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट के उस अंतरिम आदेश का उल्लंघन करता है, जिसमें कहा गया था कि दुकानदारों को अपनी पहचान बताने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि QR कोड के जरिए दुकान मालिकों की पहचान उजागर करना उसी भेदभावपूर्ण प्रोफाइलिंग को बढ़ावा देता है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पहले रोका था।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश की बीजेपी शासित सरकारों द्वारा जारी समान निर्देशों पर रोक लगा दी थी, जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाद्य प्रतिष्ठानों को अपने मालिकों, कर्मचारियों और अन्य विवरण प्रदर्शित करने के लिए कहा गया था। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह नया निर्देश गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन करता है और धार्मिक आधार पर भेदभाव को बढ़ावा देता है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 जून को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि यह निर्देश खाद्य सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए है। हालांकि, याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि यह कदम दुकानदारों की धार्मिक प्रोफाइलिंग के इरादे से उठाया गया है।
कांवड़ यात्रा, जो 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी, एक वार्षिक हिंदू तीर्थयात्रा है, जिसमें लाखों शिव भक्त गंगा नदी से पवित्र जल लेकर अपने गृहनगर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। इस दौरान कई भक्त मांस, प्याज और लहसुन जैसे खाद्य पदार्थों से परहेज करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्य सरकारों को एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है, क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने इस मामले को समय-संवेदनशील बताते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की थी।
हिंसक घटनाओं के बाद कुछ कांवड़ियों पर कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के मेरठ और गाजियाबाद में कांवड़ यात्रा के दौरान हिंसा और उपद्रव की कई घटनाएं सामने आई हैं। मेरठ के सदर बाजार थाना क्षेत्र में 14 जुलाई को एक स्कूल बस की मामूली टक्कर के बाद कांवड़ियों ने बस पर हमला कर शीशे तोड़ दिए। कांवड़ियों ने आरोप लगाया कि बस ने उनकी कांवड़ को खंडित किया, जिससे गुस्साए शिवभक्तों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसी तरह, गाजियाबाद के मोदीनगर में एक कार की टक्कर से नाराज कांवड़ियों ने चालक की बेरहमी से पिटाई की और कार में तोड़फोड़ की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया, लेकिन इन घटनाओं ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठाए।
हरिद्वार में भी उत्पात, उपद्रवी हिरासत में
उत्तराखंड के हरिद्वार में भी कांवड़ यात्रा के दौरान उपद्रव की खबरें सामने आई हैं। 14 जुलाई को हर की पौड़ी क्षेत्र में शिव विश्रामगृह के बाहर चश्मे की कीमत को लेकर हुए विवाद में कांवड़ियों ने एक दुकान में जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो कांवड़ियों, मुकेश और काढ़ा, को गिरफ्तार किया। एक अन्य घटना में, बहादराबाद थाना क्षेत्र में कार से कांवड़ टकराने पर कांवड़ियों ने चालक के साथ मारपीट की और गाड़ी को तहस-नहस कर दिया। हरिद्वार पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए तीन उपद्रवियों को हिरासत में लिया और जेल भेजने की तैयारी शुरू की। स्थानीय व्यापारियों ने कांवड़ियों की बदतमीजी के खिलाफ बाजार बंद करने की चेतावनी दी है।
इससे पहले पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर में 10 जुलाई को एक बाइक सवार के साथ टक्कर के बाद कांवड़ियों ने उसकी पिटाई की और बाइक में तोड़फोड़ की। इसी तरह, रुड़की में एक कार चालक पर कांवड़ खंडित करने का आरोप लगाकर मारपीट और वाहन क्षति की गई। इन घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिससे सामाजिक तनाव बढ़ रहा है। पुलिस ने कई मामलों में मुकदमे दर्ज किए, लेकिन कांवड़ियों के भेष में उपद्रवियों की हरकतों ने प्रशासन के सामने कानून-व्यवस्था बनाए रखने की बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
कांवड़ यात्रा मार्ग के स्कूल-कॉलेज बंद
मेरठ सहित कई शहरों, कस्बों में कांवड़ यात्रा के कारण सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान 16 से 23 जुलाई तक बंद रहेंगे। आने वाले दिनों में कांवड़ यात्रा और तेज होने वाली है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश सिर्फ कांवड़ यात्रा मार्ग के लिए है।