कोरोना मुद्दे से जुड़े अलग-अलग हाई कोर्टों में चल रहे तमाम मामलों को स्वत: संज्ञान लेकर अपने नियंत्रण में लेने के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से कई सवाल उठ तो रहे हैं, पर यह काम सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल भी किया था। उसने उस समय लॉकडाउन लगने के बाद प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर अलग-अलग हाई कोर्टों में चल रहे मामलों को खुद अपने पास ले लिया था।