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उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक में मारे गए थे 38 आतंकी

बालाकोट पर ख़ास

भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों पर अब सर्जिकल स्ट्राइक-2 की है। इससे पहले 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक-1 की जा चुकी है। तब उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 28-29 सितंबर की रात पाक सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसमें 38 आतंकवादी मारने का दावा किया गया था। 

तब भी भारत ने अपने जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए रात 12.30 बजे से 2.30 बजे तक यह ऑपरेशन चलाया था। भारतीय सेना के कमांडो ने आतंकवादियों के 7 लॉन्च पैड को अपना निशाना बनाया था। तब बड़े पैमाने पर आतंकवादी ठिकाने तबाह किये गये थे। 

उरी हमले के बाद की गयी सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो भी हाल ही में सामने आया है। वीडियो में भारतीय सेना की उस कार्रवाई को दिखाया गया है कि कैसे पीओके में 3 किमी घुसकर आतंकवादियों को ढेर किया गया था।
सर्जिकल स्ट्राइक 2

जैश ने ही किया था उरी कैंप पर आतंकी हमला

2016 में 18 सितंबर को जैश-ए-मुहम्मद के फिदाइन दस्ते ने भारतीय सेना की 12 ब्रिगेड के कैंप पर हमला किया था। हमले में 19 जवान शहीद हुए थे। मौक़े पर मारे गए आतंकियों से बरामद सामान से हमलावरों के पाकिस्तान से जुड़े होने का पता चला था। उरी आतंकी हमले के बाद पकड़े गए दो स्थानीय गाइडों ने ख़ुलासा किया कि पाकिस्तानी सेना ने हमलावरों को घुसपैठ में मदद की। 

पाक ने कार्रवाई नहीं की तो भारत ने उठाए थे कड़े क़दम

उरी आतंकी हमले के तीन दिन बाद भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित को समन कर बुलाया था। साथ ही उन्हें उरी हमले में पाकिस्तान की ज़मीन से आतंकियों द्वारा हमले किए जाने के सबूत सौंपे गए। इसलामाबाद ने इन सबूतों को ख़ारिज़ कर दिया। तब भारत पाकिस्तान की प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं हुआ था। इसलामाबाद ने एलओसी और अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर अपने रडार सिस्टम को सक्रिय कर दिया था। 

इधर भारत में उरी आतंकी हमले के बाद पूरे देश में ग़ुस्सा था। तब भी सरकार पर इतना दबाव था कि सरकार को कड़े फ़ैसला लेना पड़ा था। सर्जिकल स्ट्राइक-2 से पहले भी सरकार पर काफ़ी दबाव था।

इस बार कैसे की सर्जिकल स्ट्राइक?

भारत ने अपने मिराज -200 से पाकिस्तान के अंदर तीन जगहों पर बमबारी की। इसमें 19 मिनट लगे और निशाने पर आतंकवादी सगठन के ठिकाने थे। हमला रात में ही 3.45 से 4.04 बजे के बीच किया गया। भारतीय सेना की यह कार्रवाई भी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद द्वारा पुलवामा में सेना के काफ़िले पर आतंकी हमले के बाद की गयी है। पुलवामा हमले में कम से कम 40 जवान शहीद हो गये थे।

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क़मर वहीद नक़वी
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