loader

सांसदों का निलंबन: राज्यसभा में आज फिर हंगामा

तमाम विपक्षी दलों ने राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे को लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार ढंग से उठाया है। इस मुद्दे पर सरकार बुरी तरह घिरती दिख रही है। मॉनसून सत्र में कृषि क़ानूनों को लेकर शोरगुल हुआ था तो इस बार सांसदों के निलंबन का मुद्दा गर्म है। गुरुवार को भी राज्यसभा में इस मुद्दे पर हंगामा हुआ। इसके अलावा महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस, एनसीपी, आरजेडी, टीआरएस और आईयूएमएल ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। 

बीते दिन भी सांसदों के निलंबन के मुद्दे को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ था और दोनों सदनों की कार्यवाही को कई बार स्थगित करना पड़ा था। 

सांसदों के निलंबन के ख़िलाफ़ विपक्ष ने संसद परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया था। इस दौरान सांसदों ने लोकतंत्र में हिटलरशाही नहीं चलेगी और लोकतंत्र की हत्या मत करो जैसे कई नारे लगाए थे। 

ताज़ा ख़बरें

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार ने इन सांसदों से माफ़ी मांगने के लिए कहा है। 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा है कि हम गांधीवादी लोग तानाशाही के ख़िलाफ़ खड़े हैं और हम नहीं झुकेंगे। सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी दल लगातार बैठक कर रहे हैं और उन्होंने संसद परिसर में प्रदर्शन भी किया है। प्रदर्शन में कई दलों के सांसद शामिल रहे। 

suspension of Rajya Sabha MPs Opposition calls it undemocratic - Satya Hindi

क्यों हुआ निलंबन?

सांसदों के निलंबन के पीछे पिछले यानी मॉनसून सत्र में किए गए ख़राब व्यवहार को कारण बताया गया है। मॉनसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में खासा हंगामा हुआ था। राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के वेल में आने की वजह से मार्शल्स को बुलाया गया था और उनकी कुछ सांसदों के साथ धक्का-मुक्की हुई थी। यह घटना 11 अगस्त को हुई थी। 

      • निलंबित सांसदों में कांग्रेस से फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह हैं। 
      • टीएमसी से डोला सेन और शांता छेत्री। 
      • शिव सेना से प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई। 
      • सीपीएम से एलमारम करीम सीपीआई से बिनॉय विश्वम शामिल हैं। 
      सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

      गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

      नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
      सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
      1. सदस्यता-पत्र
      2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
      3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
      क़मर वहीद नक़वी
      सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

      अपनी राय बतायें

      देश से और खबरें

      ताज़ा ख़बरें

      सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें