भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा घोषित विशेष गहन संशोधन (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन - SIR) का विपक्षी दलों ने तीखा विरोध किया है। तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे चुनावी राज्यों में सत्ताधारी दल डीएमके और टीएमसी ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ साजिश करार देते हुए कड़ा रुख अपनाया है। डीएमके ने 2 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाने का ऐलान किया है, जबकि टीएमसी ने चुनाव आयोग को 'अत्यधिक समझौतावादी' बताते हुए इसके खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। सीपीएम ने भी इसे मनमाना कदम ठहराया है। यह विवाद बिहार में हाल ही में SIR अभियान के दौरान मतदाता सूची से अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातियों और महिलाओं के नाम काटे जाने के आरोपों से पैदा हुआ है।