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आईटी सर्वे के बाद सीपीआर का FCRA लाइलेंस निलंबित, विदेशी चंदे पर रोक

सरकार ने विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम यानी एफ़सीआरए के तहत प्रमुख थिंक-टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च यानी सीपीआर के लाइसेंस को निलंबित कर दिया है। कानून के प्रावधानों का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए यह कार्रवाई की गई है। विदेशों से चंदा हासिल करने के लिए एफसीआरए लाइसेंस का होना ज़रूरी होता है। यानी सीपीआर अब विदेशी चंदा नहीं ले सकेगा।

एफसीआरए के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं किए जाने के प्रथम दृष्टया साक्ष्य के आधार पर सोमवार को निलंबन का आदेश दिया गया था। निलंबन के बाद अब पूरी तरह से जांच होगी और आगे का फैसला लिया जाएगा। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उन्होंने इस तरह के फंडिंग मानदंडों के उल्लंघन के संबंध में प्रथम दृष्टया इनपुट के बाद कार्रवाई की है। 

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सीपीआर एक थिंक टैंक है जो 1973 से काम कर रहा है। वह भारत की 21वीं सदी की चुनौतियों पर ध्यान देने के साथ अनुसंधान में शामिल रहा है।

सीपीआर वेबसाइट के मुताबिक इसे भारत सरकार द्वारा गैर-लाभकारी सोसायटी के रूप में मान्यता प्राप्त है और इसको दिया जाने वाला चंदा कर मुक्त है। सीपीआर को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएसएसआर से अनुदान प्राप्त होता है, और यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान है। इसके अलावा सीपीआर विभिन्न घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से भी अनुदान प्राप्त करता है। इसमें फाउंडेशन, कॉर्पोरेट दानदाता, सरकारें और बहुपक्षीय एजेंसियाँ ​​शामिल हैं।

सीपीआर का एफ़सीआरए निलंबित किए जाने का मामला तब आया है जब क़रीब छह महीने पहले सितंबर में आयकर विभाग ने विदेशी फंडिंग से संबंधित जांच के हिस्से के रूप में सीपीआर, एनजीओ ऑक्सफैम इंडिया और बेंगलुरु स्थित इंडिपेंडेंट एंड पब्लिक-स्पिरिटेड मीडिया फाउंडेशन के रिकॉर्ड का 'सर्वे' किया था।
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इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि पिछले साल 5 सितंबर को जब आयकर विभाग ने सर्वेक्षण किया था तब सीपीआर का एफसीआरए पंजीकरण चल रहा था। लाइसेंस 30 सितंबर को समाप्त हो गया। पिछले साल फोर्ड फाउंडेशन, ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग, और विकास अध्ययन संस्थान, यूके को अपनी वेबसाइट पर दाताओं के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।

आई-टी सर्वेक्षण के बाद सीपीआर अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी यामिनी अय्यर ने एक बयान में कहा, 'हम खुद को अनुपालन के उच्चतम मानकों पर रखते हैं और आश्वस्त हैं कि हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। हम अधिकारियों के किसी भी प्रश्न का समाधान करने के लिए उनके साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।' संस्थान ने कहा कि उसने आयकर जांच में सहयोग किया है।

ऑक्सफैम इंडिया की विदेशी फंडिंग को पहले दिसंबर 2021 में रोक दिया गया था जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एफसीआरए लाइसेंस को नवीनीकृत करने से इनकार कर दिया था।

एफसीआरए लाइसेंस 180 दिनों के लिए निलंबित किए जा सकते हैं। कोई संगठन इस अवधि के दौरान विदेशी फंडिंग प्राप्त नहीं कर सकता है और उसके विदेशी फंडिंग खाते में मौजूद धन का उपयोग केवल मंत्रालय की पूर्व स्वीकृति से ही किया जा सकता है।

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क़मर वहीद नक़वी
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