loader
प्रतीकात्मक तसवीर

विधानसभा चुनाव: त्रिपुरा में बीजेपी को मिला बहुमत

भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में बहुमत पा लिया। चुनावों में तिप्रा मोथा के 'किंगमेकर' के रूप में उभरने की उसकी उम्मीद टूट गई। रुझानों में बीजेपी ने अपने दम पर 31 के बहुमत के निशान को पार कर लिया है।

बीजेपी का नगालैंड और मेघालय में भी बढ़िया प्रदर्शन रहा। नगालैंड में वह एनडीपीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की स्थिति में पहुँच गई। मेघालय में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। राज्य में बीजेपी पर मुख्य रूप से यह आरोप लगाकर निशाने पर लिया जाता रहा है कि यह अल्पसंख्यक विरोधी है। इस बीच कहा जा रहा है कि पार्टी तीनों राज्यों में सरकार बनाने के लिए बातचीत कर रही है। 

ताज़ा ख़बरें

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के सुबह आठ बजे जब से रुझान आने शुरू हुए तब से ही बीजेपी आगे रही। चुनाव नतीजों के लिहाज से मतगणना स्थलों पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई। त्रिपुरा में 81.11 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं ने मतदान किया था।

तीनों राज्यों में चुनाव संपन्न होते ही सोमवार को जो एग्जिट पोल के सर्वे आए थे उसमें त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार बनने के आसार बताए गए थे। सर्वे में कहा गया था कि उसकी गठबंधन सरकार नागालैंड को बरकरार रख सकती है। एग्जिट पोल के मुताबिक, मेघालय में कोनराड संगमा की एनपीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है। 

त्रिपुरा के लिए जो एग्ज़िट पोल सामने आए थे उन सभी सर्वे में बीजेपी बहुमत से सरकार बनाती हुई दिख रही थी। चाहे वह इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया का सर्वे हो या फिर टाइम्स नाउ ईटीजी, ज़ी न्यूज़ या फिर जन की बात का।

tripura meghalaya nagaland vote counting update - Satya Hindi

जिन तीन राज्यों में चुनाव संपन्न हुए हैं उनमें त्रिपुरा सबसे अहम है। इसका कारण यह है कि वर्तमान में वहां बीजेपी की सरकार है। यह उत्तर पूर्व के किसी राज्य में उसकी पहली सरकार है। पिछले चुनाव में बीजेपी, सीपीएम और उसके करिश्माई नेता माणिक सरकार को हराकर सत्ता मे आई थी। माणिक सरकार वहां पिछले 20 साल से सत्ता में बने हुए थे। बीजेपी की जीत और माणिक सरकार की हार को सीपीएम के खत्म होते जनाधार में आखिरी कील के तौर पर समझा गया। 

इस बार के चुनाव में जहां कांग्रेस औऱ सीपीएम मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं वहीं बीजेपी अकेले चुनाव के मैदान में उतरी है। गठबंधन के सहारे जहां कांग्रेस और सीपीएम अपना खोया जनाधार पाने की कोशिश कर रही है वहीं बीजेपी की कोशिश है कि पूर्वोत्तर की इकलौती सरकार को वापस सत्ता में ला सके। चुनाव से पहले भाजपा ने तिप्रा मथा और इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के साथ गठबंधन की कोशिशें की लेकिन वह किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई। 

देश से और ख़बरें

2018 के त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जिसने 43.5 प्रतिशत वोट और 36 सीटें पाकर बहुमत प्राप्त किया था। पिछले 27 साल से सत्ता पर काबिज माणिक सरकार की पार्टी सीपीएम 42.22 प्रतिशत वोट और 16 सीटें पाकर दूसरे नंबर पर रही थी। तीसरे नंबर पर इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा रही थी जिसे 7.38 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 8 सीटों पर जीत मिली थी। 

सबसे ज्यादा नुक़सान कांग्रेस पार्टी को उठाना पड़ा था जो 2013 के विधानसभा चुनाव में दूसरे नम्बर पर थी। पिछले चुनाव में चौथे नम्बर पर खिसक गई थी, जिसे केवल 1.79 प्रतिशत वोट मिले थे। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें