अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की बुधवार को व्हाइट हाउस में होने वाली मुलाकात ने भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक हलकों में हलचल मचा दी है। व्हाइट हाउस ने X पर पोस्ट के जरिए पुष्टि की है कि ट्रम्प और मुनीर भारतीय समयानुसार रात 10:30 बजे (वाशिंगटन समयानुसार दोपहर 1:00 बजे) कैबिनेट रूम में एक निजी लंच पर मिलेंगे। यह मुलाकात उस समय हो रही है जब पश्चिम एशिया में ईरान-इसराइल युद्ध लड़ रहे हैं और भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के सैन्य तनाव के बाद युद्धविराम हुआ है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुलाकात को लेकर मोदी सरकार की कूटनीति पर तीखा हमला बोला है।
इस महीने की शुरुआत में खबरें आई थीं कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर को 14 जून 2025 को वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के लिए आयोजित सैन्य परेड में आमंत्रित किया गया है। भारतीय मीडिया ने इस खबर को खूब उछाला। इसे कूटनीतिक झटके के रूप में पेश किया। भारत में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने मुनीर का नाम 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले से जोड़ा था। क्योंकि उससे पहले मुनीर ने आपत्तिजनक बयान दिया था। उन्होंने बयान हिंदू-मुस्लिम मतभेद, धार्मिक पहचान और कश्मीर मुद्दे को उछाला था। इसके बाद पहलगाम हमला हुआ तो उनके बयान को इससे अपने आप भी जुड़ गया। 
हालांकि, व्हाइट हाउस ने 14 जून को स्पष्ट किया कि मुनीर को परेड के लिए नहीं बुलाया गया था और किसी भी विदेशी सैन्य नेता को आमंत्रित नहीं किया गया। इस बयान के बाद भी भारतीय मीडिया ने इसे पाकिस्तान की "बेइज्जती" करार दिया। कई न्यूज चैनलों और अखबारों ने इसे भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में प्रचारित किया। अब जब आसिम मुनीर को बुलाने की आधिकारिक पुष्टि हो गई है तो तमाम न्यूज चैनल चुप हो गए हैं।
बुधवार 18 जून को अचानक खबर आई कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस में निजी लंच के लिए आमंत्रित किया है। व्हाइट हाउस ने X पर ट्वीट कर इसकी पुष्टि की। यह मुलाकात भारत-पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए चार दिवसीय सैन्य संघर्ष और ऑपरेशन सिंदूर के बाद मुनीर की पहली अमेरिकी यात्रा के दौरान हो रही है, जिसमें भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था।
व्हाइट हाउस के अनुसार, यह एक बंद कमरे की बैठक होगी, जिसमें प्रेस को अनुमति नहीं दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात में ईरान-इसराइल संघर्ष, आतंकवाद विरोधी सहयोग, अफगानिस्तान की स्थिति और दक्षिण एशिया में स्थिरता जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।

कांग्रेस का मोदी पर हमला 

इस मुलाकात ने भारत में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार की कूटनीतिक विफलता करार दिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने X पर पोस्ट किया, "फील्ड मार्शल आसिम मुनीर, जिनकी भड़काऊ टिप्पणी पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी थी, आज व्हाइट हाउस में ट्रम्प के साथ लंच कर रहे हैं। यह 'नमस्ते ट्रम्प' द्वारा 'हाउडी मोदी' को तिहरा झटका है। भारतीय कूटनीति बिखर रही है, और पीएम पूरी तरह चुप हैं।"

एक समय मोदी और ट्रम्प के रिश्ते यहां तक पहुंच गए थे। फाइल फोटो

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी X पर लिखा, "ट्रम्प पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष को भोजन के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। सत्ता के दलाल और भक्त ब्रिगेड अब चुप क्यों हैं?" उन्होंने सरकार से सवाल किया कि अमेरिका के इस रुख पर विदेश मंत्री और पीएम की चुप्पी क्यों है।

मुनीर के खिलाफ प्रदर्शन 

मुनीर की अमेरिका यात्रा के खिलाफ यूएस में प्रदर्शन हुए हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) समर्थकों और प्रवासी पाकिस्तानियों ने वाशिंगटन डीसी में उनके खिलाफ प्रदर्शन किए। फोर सीजन्स होटल के बाहर प्रदर्शनकारियों ने "पाकिस्तानियों का कातिल" और "इस्लामाबाद का कातिल" जैसे नारे लगाए। PTI ने X पर वीडियो शेयर कर इसे मुनीर के "अपराधों" की याद दिलाने की कार्रवाई बताया।
ट्रम्प-मुनीर मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब पश्चिम एशिया में ईरान और इसराइल के बीच तनाव चरम पर है। इसराइल ने 13 जून से ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले शुरू किए, जिसके जवाब में ईरान ने इसराइली शहरों पर मिसाइल दागे। ट्रम्प ने ईरान से "बिना शर्त आत्मसमर्पण" की मांग की है और इसराइल का खुलकर समर्थन किया है।

वहीं, पाकिस्तान ने ईरान का समर्थन किया है। मुनीर ने वाशिंगटन में एक भाषण में कहा, "पाकिस्तान ईरान के साथ खड़ा है और संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद करता है।" यह बयान ट्रम्प की नीति के उलट है, जिससे इस मुलाकात को राजनयिक विडंबना के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है ट्रम्प इस संबंध में मुनीर से कुछ आश्वासन हासिल करना चाहते हैं, मसलन युद्ध भड़कने और अमेरिका के इसमें शामिल होने की स्थिति में पाकिस्तान के सैन्य अड्डों का इस्तेमाल होगा। यह चीन के खिलाफ भी अमेरिका की मदद करेगा। अमेरिका ऐसा अफगानिस्तान तालिबान से लड़ते हुए कर चुका है। इसके बाद पाकिस्तान में हालात खराब हो गए थे। पाकिस्तान की जनता सड़कों पर उतर आई थी।

भारत के लिए यह मुलाकात कई सवाल खड़े करती है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई थी। ऐसे में मुनीर का व्हाइट हाउस में स्वागत भारत-अमेरिका संबंधों पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस ने पूछा है कि क्या यह मुलाकात जी7 शिखर सम्मेलन में ट्रम्प के पीएम मोदी से दूरी बनाने का नतीजा है।
वहीं, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रम्प की यह मुलाकात भारत के खिलाफ नहीं, बल्कि क्षेत्रीय रणनीति का हिस्सा है। अमेरिका भारत के साथ रक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ा रहा है, जैसा कि हाल ही में दक्षिण एशिया के लिए सहायक विदेश मंत्री के रूप में भारत-जन्मे पॉल कपूर की नियुक्ति से जाहिर है।
ट्रम्प और मुनीर की मुलाकात ने भारत में कूटनीतिक बहस को जन्म दिया है। जहां विपक्ष इसे मोदी सरकार की नाकामी बता रहा है, वहीं सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि मोदी और ट्रंप की फोन पर बात हुई है। जिसमें दावे किए जा रहे हैं कि मोदी ने ट्रम्प को साफ कर दिया कि भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष का दखल भारत को स्वीकार नहीं है। मोदी ने ट्रम्प से यह भी कहा कि पाकिस्तान की ओर से अनुरोध किए जाने पर सीज फायर हुआ था। हालांकि इससे पहले ट्रम्प 12 यह कह चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध रुकवा दिया। वो कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए भी मध्यस्थता करने को तैयार हैं। बहरहाल, ट्रम्प-मुनीर मुलाकात भारत के नजरिए से इस उपमहाद्वीप की जटिल जियो पॉलिटिक्स को और उलझा सकती है। दोनों की बैठक में क्या होगा, इससे बड़े संकेत मिलेंगे।