नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने ड्रग्स की एक बड़ी खेप पकड़ी है। एनसीबी का दावा है कि पिछले 20 वर्षों में ड्रग्स की यह सबसे बड़ी जब्ती है।
अलग-अलग छापेमारी में एनसीबी ने हजारों करोड़ की नशीली दवा लीसर्जिक एसिड डाईएथिलेमाइड जिसे एलएसडी भी कहा जाता है, बरामद की है। एनसीबी की इस कामयाबी के बाद देशभर में फैले ड्रग सिंडीकेट का खुलासा हुआ है। इस दौरान कई ड्रग्स तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है।
इस छापेमारी के बाद मंगलवार को एनसीबी के डिप्टी डीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि एलएसडी आजकल युवाओं और छात्रों में लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने कहा है कि ये बहुत खतरनाक ड्रग है। इसकी कमर्शियल क्वांटिटी 0.1 ग्राम है। एक स्टैंप के आधे हिस्सा में इसे लगाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे 5 स्टैंप से एक ब्लॉट बनता है और 15 हजार ब्लॉट बरामद हुए हैं। इसकी बाजार में कीमत हजारों करोड़ रुपए में है। इस छापेमारी में ड्रग्स तस्करी से जुड़े गैंग के 6 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
एनसीबी के डिप्टी डीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि ड्रग तस्करों का यह सिंडीकेट डार्क नेट, क्रिप्टो करेंसी और विदेशी पोस्ट ऑफिस के जरिए ये धंधा चल रहा था। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए ड्रग्स की डीलिंग होती थी।
ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि इस ड्रग्स सिंडीकेट का नेटवर्क अमेरिका, पोलैंड, नीदरलैंड्स से लेकर देश के कई कोने तक फैला हुआ था। एनसीबी की दिल्ली जोनल टीम और अन्य राज्यों की सहायता से इस सिंडीकेट को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। एलएसडी पौलेंड -नीदरलैंड्स से आता था। इसे इंस्टा और विकर के जरिए तस्कर ग्रुप बनाकर अपने टारगेट खोजते थे। एनसीबी के मुताबिक इस सिंडीकेट का मास्टरमाइंड जयपुर का रहने वाला है और वह एक मल्टी नेशनल कंपनी में काम करता है।
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