देश में इस साल मानसून की अच्छी बारिश ने किसानों के लिए बेहतर हालात पैदा किए, लेकिन यूरिया खाद की कमी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। यूरिया के स्टॉक में कमी के कारण किसानों को अपनी फसलों की बुआई और देखभाल में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यूपी, बिहार, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल में किसानों को खाद वितरण केंद्रों के बाहर 8-8 घंटे लाइन में लगना पड़ रहा है, लेकिन बिना खाद की बोरी लिए उन्हें लौटना पड़ रहा है। इस वजह से खरीफ की फसलों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। यह संकट ऐसे समय आया है जब पीएम मोदी उठते-बैठते किसान समर्थक होने का दावा करते हैं। उन्होंने यह तक कहा कि मैं किसानों के साथ चट्टान की तरह खड़ा हूं, यह बात उन्होंने अमेरिका के संदर्भ में कही थी। अमेरिका अपने कृषि उत्पाद भारत में उतारना चाहता है।