उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वैक्सीन वैज्ञानिक डॉ. आकाश यादव की सजा को निलंबित कर दिया है। डॉ यादव को 2015 में अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में दोषी ठहराया गया था। अदालत ने राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक स्वास्थ्य में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का हवाला देते हुए यह फैसला सुनाया। इस निर्णय के साथ, डॉ. यादव को अपनी वैज्ञानिक ड्यूटी पर वापस लौटने की अनुमति दी गई है।


जस्टिस रविंद्र मैथानी की अध्यक्षता वाली बेंच ने डॉ. यादव की अपील पर सुनवाई करते हुए उनकी सजा और पांच साल की सश्रम कैद की सजा को निलंबित कर दिया।