विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर के मुद्दे पर अपने रुख को पहले से कड़ा करते हुए ऐलान किया है कि विवादित ज़मीन का बँटवारा नहीं होने दिया जाएगा। वहाँ सिर्फ राम मंदिर बन सकता है। इसके साथ ही इस उग्र हिंदूवादी संगठन ने यह भी कहा कि मसजिद कहीं और बनाई जाए, विवादित जगह पर मसजिद नहीं बनने दी जाएगी।

साल 1992 के बाद अयोध्या में विहिप का यह पहला बड़ा कार्यक्रम था। 6 दिसंबर 1992 को इसी शहर में तक़रीबन चार-पाँच लाख हिन्दू जमा हो गए थे। उग्र भीड़ ने चार सौ साल से भी ज़्यादा पुरानी मसजिद को गिरा दिया था। उस समय वहाँ बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद थे।

सोची-समझी रणनीति

इस बार की धर्मसंसद में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का कोई आदमी सोची-समझी रणनीति के तहत ही मौजूद नहीं था। इस कार्यक्रम को साधुओं के सम्मेलन के रूप मे प्रचारित करने की योजना के तहत ऐसा किया गया।