तबरेज़ अंसारी लिंचिंग के मामले में 11 अभियुक्तों पर से हत्या की धारा को हटा दिया गया है। पहलू ख़ान के मामले में सभी को बरी कर दिया गया है। अख़लाक़ के मामले में भी सभी आरोपी ज़मानत पर बाहर हैं। क्या लिंचिंग के इन मामलों में कोई दोषी नहीं है या दोषियों को बचाया जा रहा है? कौन बचा रहा है उन्हें, देखिए आशुतोष की बात में पूरी रिपोर्ट।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।