एनएसएसओ के आँकड़ों से यह भी पता चला था कि बेरोज़गारी की मार ग्रामीण महिलाओं पर सबसे ज़्यादा पड़ी थी। आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह साल में क़रीब 2.8 करोड़ ग्रामीण महिलाओं ने नौकरी ढूँढना ही छोड़ दिया है।
2013-14 में मनरेगा के तहत काम कर रहे कुल मजदूरों में युवा मजदूरों का आंकड़ा 13.64% था जो 2017-18 में घटकर 7.73% हो गया लेकिन 2018-19 में यह आंकड़ा बढ़कर 9.1% जबकि 2019-20 में यह 10.06% हो गया।