एक रिपोर्ट के मुताबिक़, रिटर्न दाख़िल नहीं करने वालों की संख्या 2015-16 में 8.56 लाख थी जो नोटबंदी वाले साल यानी 2016-17 में यह 10 गुना बढ़कर 88.04 लाख हो गई। ऐसा तब है जब सरकार ने दावा किया था कि नोटबंदी के बाद 2016-17 में 1.06 करोड़ करदाताओं की संख्या बढ़ गयी थी और इसमें पिछले साल के मुक़ाबले 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। तो सवाल उठता है कि इतने करदाताओं ने रिर्टन क्यों नहीं भरा? क्या इन लोगों की आमदनी कम हो गयी या नौकरी चली गयी?
क्या नौकरी जाने से 88 लाख करदाताओं ने नहीं भरा रिटर्न?
- अर्थतंत्र
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- 5 Apr, 2019
एक रिपोर्ट के मुताबिक़ नोटबंदी के बाद क़रीब 88 लाख करदाताओं ने टैक्स रिटर्न नहीं भरा है। ऐसे में सवाल उठता है कि इतने करदाताओं ने रिर्टन क्यों नहीं भरा? क्या इन लोगों की आमदनी कम हो गयी या नौकरी चली गयी?
