आसार हैं कि केंद्र राज्य सरकारों से कह सकता है कि वो अपने-अपने बॉन्ड जारी करके बाज़ार से क़र्ज़ उठा लें। इसके लिए इजाज़त दी जा सकती है, ऐसी सलाह अटॉर्नी जनरल ने भी दी है। लेकिन इसपर विपक्ष से ज़्यादा रोचक प्रतिक्रिया तो बीजेपी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की है। उन्होंने सवाल उठा दिया है कि अगर राज्यों को क़र्ज़ लेना पड़ा तो सरकार को उसके लिए गारंटी देनी होगी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है कि अब विपक्षी राज्य सरकारों को तय करना है कि वो केंद्र से डरेंगे या लड़ेंगे। उनका कहना है कि पैसा ही नहीं होगा तो राज्य सरकारें काम कैसे करेंगी?