भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशों में किए जा रहे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई का एक बड़ा हिस्सा उन देशों में जा रहा है, जिन्हें 'टैक्स हेवन्स' या कर-मुक्त क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। एक रिपोर्ट में आरबीआई के आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत से बाहर जाने वाले एफडीआई का लगभग 56 प्रतिशत हिस्सा सिंगापुर, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), नीदरलैंड्स, यूनाइटेड किंगडम और स्विट्जरलैंड जैसे कम कर वाले क्षेत्रों में गया।
भारत से बाहर जाने वाले एफडीआई का 60% हिस्सा 'टैक्स हेवन्स' में जा रहा है: रिपोर्ट
- अर्थतंत्र
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- 14 Sep, 2025
नई रिपोर्ट के अनुसार भारत से बाहर जाने वाला 60% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मॉरीशस, सिंगापुर जैसे टैक्स हेवन्स में जा रहा है। जानें इसके पीछे की वजहें और अर्थव्यवस्था पर असर।

रिपोर्ट के अनुसार 2023-24 में कुल बाहर जाने वाले 3,488.5 करोड़ रुपये के एफडीआई में से करीब 1,946 करोड़ रुपये इन्हीं टैक्स हेवेन क्षेत्रों में गए। 'द हिंदू' ने आरबीआई के आँकड़ों का विश्लेषण किया है। इसमें उल्लेख किया गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में सिंगापुर 22.6%, मॉरीशस 10.9% और यूएई ने 9.1% भारत के बाहर जाने वाले एफडीआई का 40% से अधिक हिस्सा आकर्षित किया। पहली तिमाही में यह आंकड़ा और बढ़कर 63% हो गया। जुलाई 2025 के ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, इन कम कर वाले क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों के निवेश का लगभग 60% संयुक्त उद्यम के रूप में हुआ।