भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशों में किए जा रहे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई का एक बड़ा हिस्सा उन देशों में जा रहा है, जिन्हें 'टैक्स हेवन्स' या कर-मुक्त क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। एक रिपोर्ट में आरबीआई के आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत से बाहर जाने वाले एफडीआई का लगभग 56 प्रतिशत हिस्सा सिंगापुर, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), नीदरलैंड्स, यूनाइटेड किंगडम और स्विट्जरलैंड जैसे कम कर वाले क्षेत्रों में गया।