पीयूष गोयल ने वित्तीय वर्ष 2019-202 के लिए जो अंतरिम बजट पेश किया, वह पूर्ण बजट की तरह ही है और पूरी तरह चुनाव को ध्यान में रख कर ही तैयार किया गया है। इसमें मध्यवर्ग, किसान, मजदूर, महिला, युवा, अनुसूचित जाति-जनजाति, कारपोरेट तमाम वर्गं का ख्याल रखने का दावा किया गया है। पर विश्लेषण करने से लगता है कि सरकार जो दावे कर रही है, वैसा पूरी तरह नहीं हो पाएगा। पेश हैं बजट की मुख्य बातें: