दिल्ली के गलियारों में चहल-पहल या बेंगलुरु की चमचमाती तकनीकी गलियों में कोई भी सोच सकता है कि भारत की अर्थव्यवस्था कोई रॉकेट है, जो सुपरपावर की ओर सरपट दौड़ रहा है।