पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें एक बार फिर बहुत जल्दी बढ़ने वाली हैं। मुमकिन है कि यह बढ़ोतरी एक-दो दिन में ही हो जाए। यदि सरकारी तेल कंपनियों पर कीमतें नहीं बढ़ाने का दबाव हुआ तो भी हफ़्ते भर में तो कीमतें बढ़ा ही दी जाएँगी। इसकी वजह भारत नहीं, सऊदी अरब में हुई घटना है। सऊदी अरब स्थित दो तेल संयंत्रों पर हुए ड्रोन हमलों की वजह से रोज़ाना 57 लाख बैरल तेल की आपूर्ति कम हो गई, जिस वजह से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत 12 डॉलर प्रति बैरल बढ़ कर 66 डॉलर पर पहुँच गई।