लाल किले से प्रधानमंत्री द्वारा जीएसटी दरों में कमी की तैयारी वाली घोषणा के बाद से बाजार उछल रहा है, कंपनियां मन ही मन मलाई खाने लगी हैं, अर्थशास्त्री इसे आर्थिक सुधार का रुका हुआ फैसला या दूसरी खेप बताने लगे हैं और आर्थव्यवस्था को होने वाले ‘लाभ’ को लेकर तरह तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं। आधिकारिक बैठकों का दौर भी शुरू हो चुका है और उम्मीद है कि 20 और 21 तारीख को होने वाली राज्यों के वित्त मंत्रियों की बैठक में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन बदलाओं की घोषणा कर दें।
जीएसटी दरों में कमी की घोषणा सुधार नहीं, सिर्फ़ करेक्शन है?
- अर्थतंत्र
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- 19 Aug, 2025
सरकार ने जीएसटी दरों में कटौती की घोषणा की है। लेकिन क्या यह असली सुधार है या सिर्फ़ करेक्शन? जानें इसका सच क्या है और अर्थव्यवस्था पर इसका असर क्या होगा।

वैसे, प्रधानमंत्री की घोषणा के तत्काल बाद ही यह खबर भी आ गई कि आम तौर पर 12 फीसदी रेट घटकर 5 फीसदी और 28 फीसदी वाला रेट कम करके 18 फीसदी कर दिया जाएगा। इसके बाद छोटी कारों, फ्रिज, टीवी वगैरह के सस्ते होने के अनुमान मोटे-मोटे अक्षरों में बताए जाने लगे कि कारों के 75 हजार सस्ता होने का अनुमान है तो दीपावली के अवसर के लिए स्टॉक बढ़ाने की खबर भी स्वाभाविक है। बाजार और आम लोगों में स्वागत का माहौल होना स्वाभाविक है।
लंबी चर्चा और मतभेदों के चलते रुके पड़े जीएसटी का फैसला शुरू से विवादों में रहा है। बहुत तरह के उत्पाद करों और वैट की जगह जीएसटी लगाए जाने के मोदी सरकार के फ़ैसले के बाद से ही उस पर कई तरह की आपत्तियाँ दर्ज कराई गई हैं और उसे लेकर तकलीफ की शिकायत भी आम रही है।