ख़बर सिर्फ इतनी है कि भारतीय रेल 151 रेलगाड़ियों का परिचालन निजी क्षेत्र के हवाले करने जा रहा है। अब इसके आगे का मामला व्याख्या का है। क्या इसे रेलवे का निजीकरण कहा जा सकता है? खुद रेलमंत्री ऐसा नहीं मानते।

क्या वाईक भारतीय रेल का निजीकरण होने जा रहा है? रेल मंत्री पीयूष गोयल ऐसा नहीं मानते। पर सच क्या है?