घटती नौकरियों और ग्रामीण इलाक़ों तथा छोटे शहरों में बढ़ती आर्थिक दिक़्क़तों ने ऑटो इंडस्ट्री पर गहरा असर डालना शुरू कर दिया है। इस वजह से 13 सालों में पहली बार स्कूटर्स की बिक्री घटी है। इसके अलावा कारें और स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) की बिक्री की गति भी पिछले 5 साल में सबसे कम रही है। बेरोज़गारी और नोटबंदी, जीएसटी के बाद बिगड़े आर्थिक हालात के कारण लगातार विपक्ष की आलोचना झेल रही मोदी सरकार को ऑटो इंडस्ट्री में निराशा के माहौल को लेकर एक बार फिर चौतरफ़ा हमले झेलने पड़ सकते हैं।