loader

पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर शून्य से 12 प्रतिशत कम : यूबीएस सिक्योरिटीज

कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए देश के अलग-अलग जगहों पर अप्रैल-मई में लगाए गए लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ने की पूरी आशंका है। स्विटज़रलैंड की संस्था यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर शून्य से 12 प्रतिशत नीचे चली जाएगी। 

इसके पहले पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान पूरे देश में बग़ैर किसी तैयारी या पूर्व सूचना के लॉकडाउन का एलान कर दिया गया था। इसका नतीजा  यह हुआ था कि वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी वृद्धि दर शून्य से 23.9 प्रतिशत नीचे चली गई थी। 

ख़ास ख़बरें

शून्य से भी कम!

जहाँ तक पूरे वित्तीय वर्ष की बात है, साल 2020-2021 के दौरान आर्थिक विकास दर -7.3 प्रतिशत रही, यानी शून्य से भी 7.3 प्रतिशत नीचे चली गई। यह आज़ादी के बाद का अब तक का न्यूनतम आर्थिक वृद्धि दर है।
लॉकडाउन लगने और कोरोना महामारी का संकट भारत में शुरू होने के पहले ही आर्थिक विकास धीमा हो चुका था और जीडीपी वृद्धि दर तेज़ी से नीचे गिरने लगी थी, सभी आठ कोर सेक्टर में विकास दर कम हो गया था।

मंदी से निकलने में देरी

यूबीएस इंडिया ने कहा है कि पहली तिमाही में जीडीपी में 12 फ़ीसदी की गिरावट के अलावा दूसरी दिक्क़तें भी होंगी। अर्थव्यवस्था में तुरन्त सुधार नहीं होगा और यह मंदी से तेजी से बाहर नहीं निकलेगी। उन्होंने कहा कि  इसकी सबसे बड़ी वजह उपभोक्ता भावना में कमजोरी है। 

इस संस्था ने कहा है कि लोग महामारी को लेकर पिछले साल के मुकाबले इस वक्त ज्यादा चिंतित नजर आ रहे हैं।  टीकाकरण में तेजी से उपभोक्ताओं और कारोबारियों का भरोसा बढ़ने के कारण 2021-22 की दूसरी छमाही से अर्थव्यवस्था में सुधार दिखने की उम्मीद है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें