दिसंबर 2018 में आरबीआई गवर्नर पद से पहले उर्जित पटेल ने और फिर उसके कुछ महीने बाद जून 2019 में डेप्युटी गवर्नर रहे विरल आचार्य ने भी इस्तीफ़ा देकर धमाका कर दिया था। उन्हीं विरल आचार्य ने अब एक और धमाका किया है! उन्होंने दावा किया है कि मोदी सरकार ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव पूर्व ख़र्च के लिए 2018 में 2-3 लाख करोड़ रुपये देने के लिए कहा था। उन्होंने तो ये भी दावा किया है कि पूर्व की सरकारों के दौरान भी जमा रुपये को मोदी सरकार ने मांगा था। इन वजहों से सरकार और आरबीआई में टकराव की स्थिति बनी थी।