दिसंबर 2018 में आरबीआई गवर्नर पद से पहले उर्जित पटेल ने और फिर उसके कुछ महीने बाद जून 2019 में डेप्युटी गवर्नर रहे विरल आचार्य ने भी इस्तीफ़ा देकर धमाका कर दिया था। उन्हीं विरल आचार्य ने अब एक और धमाका किया है! उन्होंने दावा किया है कि मोदी सरकार ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव पूर्व ख़र्च के लिए 2018 में 2-3 लाख करोड़ रुपये देने के लिए कहा था। उन्होंने तो ये भी दावा किया है कि पूर्व की सरकारों के दौरान भी जमा रुपये को मोदी सरकार ने मांगा था। इन वजहों से सरकार और आरबीआई में टकराव की स्थिति बनी थी।
2019 चुनाव से पहले सरकार ने RBI से मांगे थे 2-3 लाख करोड़: विरल आचार्य
- अर्थतंत्र
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- 29 Mar, 2025
मोदी सरकार ने क्या आरबीआई से अतिरिक्त रुपये उगाहने के लिए दबाव डाला था? क्या इन वजहों से सरकार और आरबीआई में टकराव हुआ था? जानिए पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने क्या दावा किया है।

विरल आचार्य के इन दावों को मिंट ने रिपोर्ट किया है। 2017 से 2019 तक आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के रूप में कार्य करने वाले विरल आचार्य ने दावा किया कि रुपये देने से इनकार करने पर केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच टकराव शुरू हो गया। उन्होंने अपनी पुस्तक, 'क्वेस्ट फॉर रिस्टोरिंग फाइनेंशियल स्टेबिलिटी इन इंडिया' की नई प्रस्तावना में ये दावे किए हैं। सबसे पहली बार यह किताब 2020 में छपी थी।