बीजेपी ने शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया। इसने इसे संकल्प पत्र नाम दिया है। इसमें इसने कहा है कि आतंकवाद और अलगाववाद का पूरी तरह सफाया किया जाएगा। पार्टी के घोषणा पत्र जारी करने के दौरान अमित शाह ने कहा, 'अनुच्छेद 370 और 35ए अब पास्ट बन चुका है, वो हमारे संविधान का हिस्सा नहीं है। इसका पूरा भारत और जम्मू-कश्मीर की जनता को आनंद है। क्योंकि अनुच्छेद 370 ही वो कड़ी थी जो कश्मीर के अंदर युवाओं को उनके हाथ में पत्थर और हथियार पकड़ाती थी। आज मोदी जी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में विकास के क्षेत्र में ढेर सारे काम हुए हैं।'
गृहमंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी के ऐतिहासिक फैसले अनुच्छेद 370 को खत्म करने से शांति, प्रगति और सामाजिक न्याय की शुरुआत हुई है। दुर्भाग्य से कांग्रेस चुपचाप एनसी के एजेंडे का समर्थन करती है। हालांकि, मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि अनुच्छेद अब इतिहास बन चुका है और इसे बहाल नहीं किया जाएगा। अनुच्छेद 370 के कारण ही जम्मू-कश्मीर के युवा हिंसा की ओर धकेले गए।'
बता दें कि कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा जारी घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 की बहाली का वादा किया गया है। इस अनुच्छेद को 2019 में निरस्त कर दिया गया था। 2014 के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव होगा और इस बात पर भी नज़र रखी जा रही है कि जम्मू-कश्मीर के लोग इस प्रावधान को हटाने के बारे में क्या सोचते हैं।
दो दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर में पहुँचे अमित शाह ने कहा कि आज़ादी के बाद से ही यह राज्य भाजपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा है और पार्टी ने तब से इसे भारत से जोड़े रखने के लिए प्रयास किए हैं।
जम्मू-कश्मीर के लिए भाजपा का संकल्प
— BJP (@BJP4India) September 6, 2024
एक शांतिपूर्ण और समृद्ध जम्मू-कश्मीर का निर्माण करेंगे एवं आतंकवाद और अलगाववाद का पूर्णतः सफाया करेंगे।#BJPJnKSankalpPatra pic.twitter.com/GMwAn6p4yI
जम्मू-कश्मीर के लिए भाजपा का संकल्प
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टेररिस्ट हॉटस्पॉट से राज्य को बनाएंगे टूरिस्ट स्पॉट...#BJPJnKSankalpPatra pic.twitter.com/vYfjkBKsrm
बीजेपी नेता ने कहा, 'पहले यहां डेमोक्रेसी तीन परिवारों में ही सीमित होकर रह गई थी। ना पंचायत चुनाव होते थे, ना तहसील पंचायतें बनती थी, ना जिला पंचायतें होती थीं। भाजपा की सरकार ने ग्राम पंचायत, तहसील पंचायत, जिला पंचायत और नगरपालिका का चुनाव कराकर पंचायती राज को बहाल करने का काम किया है और लोकतंत्र को प्रस्थापित किया है।'
केंद्रीय गृह मंत्री ने क्षेत्र में आतंकवाद और अलगाववाद के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों पर भी बात की। शाह ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर की स्थिति से निपटने के लिए सभी सरकारों ने तुष्टीकरण की राजनीति की। हालांकि, जब भी भारत और जम्मू-कश्मीर का इतिहास लिखा जाएगा, तो 2014 से 2024 के बीच का समय सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।'
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