अनुच्छेद 370 में फेरबदल और 35ए को ख़त्म करने के एक हफ़्ते के अंदर ही स्थानीय बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों के ज़मीन ख़रीदने पर कुछ प्रतिबंध लगाने की माँग कर दी। इसके साथ ही इसने कहा है कि सरकारी नौकरियों के मामले में भी बाहरी लोगों पर ऐसे ही प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। बीजेपी के वरिष्ठ नेता निर्मल सिंह ने कहा है कि स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए ऐसे उपाए किए जाने चाहिए। उनकी यह माँग बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को जँचेगी या नहीं, यह कहना मुश्किल है। लेकिन जिस तरह से पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व और इसके समर्थक वहाँ बाहरी लोगों को संपत्ति बेचने-ख़रीदने पर प्रतिबंध और सिर्फ़ स्थानीय लोगों को नौकरियाँ देने का विरोध करते रहे हैं, लगता है कि वह जम्मू-कश्मीर में स्थानीय बीजेपी के विचार से मेल नहीं खाता है। और यदि केंद्रीय नेतृत्व भी स्थानीय बीजेपी नेता की बात से सहमत है तो फिर उनके अपने ही बयानों में इतना अंतर्विरोध क्यों है?