जम्मू के शिव खोरी तीर्थस्थल से कटरा आ रही एक बस को रविवार शाम करीब 6.10 बजे रियासी जिले के पौनी इलाके में निशाना बनाया गया। आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिससे ड्राइवर बस पर नियंत्रण खो बैठा और बस खाई में गिर गई, जिससे कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए। इस मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनआईए की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और तमाम सबूत जुटा रही है। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैबा ने ली है।
आतंकवादियों ने पौनी नामक जिस जगह पर बस को निशाना बनाया, वो राजौरी सीमा से सटा हुआ इलाका है। जम्मू के क्षेत्र में आतंकवाद की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसा लगता है कि आतंकी संगठनों ने अपनी रणनीति बदल दी है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आतंकियों ने अपनी रणनीति बिल्कुल बदली है। उन्होंने अपना ध्यान जम्मू क्षेत्र की ओर केंद्रित कर दिया है, जिसमें राजौरी और पुंछ जिलों को शामिल करने वाली पीर पंजाल घाटी भी शामिल है। रणनीति में इस बदलाव की वजह से सुरक्षा बलों और नागरिकों के मारे जाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस इलाके की सुरक्षा के मद्देनजर यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति बता रहा है।
इससे पहले 6 मई को, पुंछ में शाहसितार के पास आतंकवादियों ने सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला किया था। जिसमें में भारतीय वायुसेना (IAF) के कर्मी की मौत हो गई और 4 अन्य घायल हो गए थे। आतंकियों ने काफिले पर हमला करने के लिए अमेरिका निर्मित एम4 राइफल और एके-47 का इस्तेमाल किया था।
पीर पंजाल क्षेत्र - राजौरी और पुंछ - 2003 से आतंकवाद से मुक्त थे लेकिन अक्टूबर 2021 से बड़े हमले फिर से शुरू हो गए हैं। पिछले सात महीनों में, अधिकारियों और कमांडो सहित 20 सैनिक मारे गए हैं। पिछले दो वर्षों में इन क्षेत्रों में कार्रवाई में 35 से अधिक सैनिक मारे गए हैं।
कश्मीर में स्थिति में उल्लेखनीय सुधार के दावों के बीच पीर पंजाल के दक्षिण में आतंकी घुसपैठ बढ़ गई है। यह आतंकियों की रणनीति में बदलाव का ही नतीजा है। इसका मतलब यह भी है कि घुसपैठ अब सिर्फ कश्मीर घाटी तक ही सीमित नहीं रह गई है।
आतंकियों की बदली हुई रणनीति से पता चल रहा है कि आतंकवादी और उनके आका वर्तमान में राजौरी-पुंछ, विशेष रूप से पीर पंजाल के दक्षिण के क्षेत्रों से होकर गुजरने का प्रयास कर रहे हैं। 2018 से पहले यह इलाका शून्य-आतंकवाद क्षेत्र घोषित किया गया था और सैनिकों की वापसी हो गई थी। लेकिन अब आतंकवादियों ने वहां नए अड्डे स्थापित कर लिए हैं। बहुत स्पष्ट है कि अन्य रास्तों की तुलना में कश्मीर घाटी में घुसपैठ में कमी आई है। लेकिन घुसपैठ का मुख्य फोकस अब पीर पंजाल के दक्षिणी इलाकों में शिफ्ट हो गया है।