क्या आप यक़ीन कर सकते हैं कि सेना का कोई अफ़सर तीन निर्दोष नागरिकों को आतंकवादी बता कर उन्हें मुठभेड़ में मार दे? भारतीय सेना की प्रतिष्ठा बहुत ऊँची है। लेकिन अफ़सोस कि एक अफ़सर के ऊपर ऐसे गंभीर आरोप लगे हैं। यह वाक़या जम्मू-कश्मीर के शोपियाँ इलाक़े का है।
शोपियाँ चार्जशीट: कैसे कैप्टन ने आतंकी बता 3 मज़दूर मार दिए
- जम्मू-कश्मीर
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- 29 Dec, 2020
जम्मू-कश्मीर के शोपियाँ में 18 जुलाई को जिस विवादास्पद मुठभेड़ में तीन युवकों को मार डाला गया था उसकी पूरी कहानी अब साफ़ हो गई है। पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि सेना के एक अफ़सर ने दो नागरिकों के साथ मुठभेड़ की साज़िश रची थी।

प्रतीकात्मक तसवीर।
18 जुलाई 2020 को जिस विवादास्पद मुठभेड़ में तीन युवकों को मार डाला गया था उसकी पूरी कहानी अब साफ़ हो गई है। पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि सेना के एक अफ़सर ने दो नागरिकों के साथ मुठभेड़ की साज़िश रची थी। उसके अनुसार, एक कैप्टन ने कार की व्यवस्था की, आतंकी साबित करने के लिए अवैध हथियार सहित दूसरी अवैध सामग्रियों का इंतज़ाम किया और तीनों युवकों के शव ऐसे रखे जैसे वे आतंकी साबित किए जा सकें। पुलिस ने सेना के जवानों सहित कई गवाहों और मोबाइल कॉल डिटेल से इस बात को साबित करने की कोशिश की है। चार्जशीट के मुताबिक़ इनाम पाने के लिए तीन मज़दूरों को आतंकवादी साबित करने की कोशिश की गई।