मनीष सिसोदिया
आप - जंगपुरा
हार
मनीष सिसोदिया
आप - जंगपुरा
हार
सौरभ भारद्वाज
आप - ग्रेटर कैलाश
हार
अरविंद केजरीवाल
आप - नई दिल्ली
हार
संदीप दीक्षित
कांग्रेस - नई दिल्ली
हार
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि अगर कश्मीरी पंडित अपनी नौकरी पर नहीं जाएंगे और घर में बैठे रहेंगे तो उन्हें उनकी तनख्वाह नहीं मिलेगी।
बताना होगा कि बीते कुछ महीनों से कश्मीर घाटी में एक बार फिर कश्मीरी पंडित आतंकियों के निशाने पर हैं। बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों ने घाटी से पलायन किया है। उन्हें घाटी से बाहर ट्रांसफर करने की मांग को लेकर भी वे लगातार आंदोलन कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री विशेष रोजगार योजना के तहत करीब 6,000 कश्मीरी पंडित कर्मचारी घाटी लौटे थे। लेकिन टारगेट किलिंग के डर से वे पिछले छह महीने से अपने दफ्तर नहीं जा रहे हैं।
उपराज्यपाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 31 अगस्त तक की तनख्वाह सभी कश्मीरी पंडितों को दे दी गई है लेकिन अब यह नहीं हो सकता कि घर बैठकर तनख्वाह दी जाए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन उनकी मदद और सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है।
उपराज्यपाल ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को जम्मू में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।
कश्मीरी पंडितों ने मनोज सिन्हा की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। पीटीआई के मुताबिक, जम्मू में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सिन्हा का यह बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकार को हम सभी को बर्खास्त कर देना चाहिए और हम नौकरी करने के लिए घाटी में नहीं जाएंगे क्योंकि नौकरियों से ज्यादा जरूरी हमारी जिंदगी है।
आतंकियों ने अक्टूबर में एक कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट की शोपियां जिले में गोली मारकर हत्या कर दी थी। कश्मीरी पंडितों के अलावा बाहर से कश्मीर में काम करने आए लोगों को भी आतंकियों ने निशाना बनाया था। पिछले कुछ महीनों में राजस्थान के रहने वाले बैंक मैनेजर विजय कुमार से लेकर सरकारी स्कूल की टीचर रजनीबाला सहित बिहार के मजदूर दिलखुश कुमार और बडगाम जिले की सोशल मीडिया पर सक्रिय कलाकार अमरीन भट्ट की भी आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा था कि मोदी सरकार कश्मीरी पंडितों की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करे और इस श्वेत पत्र में सरकार ने जो किया है और जो नहीं किया है, उसकी जानकारी दे। उन्होंने कहा था कि कश्मीर में लगातार हो रही टारगेट किलिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना पड़ेगा।
खेड़ा ने कहा था कि मोदी सरकार कश्मीरी पंडितों को सुरक्षित नहीं रख सकती, पुनर्स्थापन नहीं कर सकती और उन्हें वहां जबरन रखकर विश्व को दिखाना चाहती है कि कश्मीर में सब बढ़िया है।
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें