पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का बुधवार देर शाम निधन हो गया। वह 92 साल के थे। श्रीनगर में अपने घर पर उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार थे। उन्होंने पिछले साल हुर्रियत से इस्तीफा दे दिया था और वह राजनीति से पूरी तरह अलग हो गए थे। वह जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी राजनीति का चेहरा रहे।
कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए सशस्त्र संघर्ष के समर्थक और कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का निधन हो गया। वह 1993 में गठित हुर्रियत कांफ्रेंस के सात कार्यकारी सदस्यों में शामिल थे।

गिलानी के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'गिलानी साहब के निधन की ख़बर से दुखी हूँ। हम भले ही अधिकतर मसलों पर सहमत नहीं रहे हों, पर मैं उनकी दृढ़ता और उनके विश्वासों पर अडिग होने के लिए उनका सम्मान करती हूँ। अल्लाहताला उन्हें जन्नत प्रदान करें। उनके परिवार तथा शुभचिंतकों के प्रति संवेदना।'