loader

घर में नज़रबंद हूँ; कश्मीर में सामान्य हालात के दावे फर्जी: महबूबा

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि उन्हें घर में नज़रबंद कर दिया गया है। उन्होंने जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति के सरकार के दावे को खारिज कर दिया और कहा कि स्थिति 'कश्मीर में सामान्य से बहुत दूर' है। उन्होंने सरकार के दावे को फर्जी क़रार दिया।

महबूबा ने ट्वीट किया, 'भारत सरकार अफ़ग़ान लोगों के अधिकारों के लिए चिंता व्यक्त करती है लेकिन कश्मीरियों को जानबूझकर इससे वंचित करती है। मुझे आज नज़रबंद कर दिया गया है क्योंकि प्रशासन के अनुसार कश्मीर में स्थिति सामान्य से बहुत दूर है। यह सामान्य स्थिति के उनके नकली दावों को उजागर करता है।'

अपने इस ट्वीट के साथ महबूबा ने अपने घर के बंद गेट और पास में खड़े एक बख्तरबंद ट्रक की एक तसवीर भी साझा की हैं। 

महबूबा का यह आरोप तब आया जब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि अधिकांश प्रतिबंधों में ढील दी गई है और क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएँ बहाल कर दी गई हैं। अलगाववादी कट्टरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बाद प्रतिबंध लगाए गए थे। 91 वर्षीय सैयद अली शाह गिलानी का बुधवार को निधन हो गया था। 

इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर को 'ओपन-एयर जेल' कहा था और अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के शरीर को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने और कथित तौर पर 'राष्ट्र-विरोधी' नारे लगाने पर प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद केंद्र की आलोचना की थी। 

पहले महबूबा ने कहा था, 'कश्मीर को खुली जेल में बदलने के बाद अब मृतकों को भी नहीं बख्शा गया है। एक परिवार को शोक करने और उनकी इच्छा के अनुसार अंतिम विदाई देने की अनुमति नहीं है। यूएपीए के तहत गिलानी साहब के परिवार पर केस दर्ज करना भारत सरकार की क्रूरता को दिखाता है। यह नए भारत का नया कश्मीर है।'

ताज़ा ख़बरें

हालाँकि, पुलिस ने महबूबा को नज़रबंद करने के आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि उसने पीडीपी नेता से सुरक्षा कारणों से आज कुलगाम नहीं जाने का अनुरोध किया था। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमें इलाक़े में बहुत अधिक सुरक्षा तैनात करने की ज़रूरत है क्योंकि मुफ्ती जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा वाली हैं। हमने उन्हें नज़रबंद नहीं किया है। उन्हें केवल आज नहीं आने की सलाह दी गई थी।'

इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि केंद्र का दावा है कि जम्मू और कश्मीर के लोग अब समान अधिकार का इस्तेमाल करते हैं, एक 'सफेद झूठ' है। 

बता दें कि महबूबा मुफ्ती ने पिछले साल नवंबर में भी आरोप लगाया था कि उन्हें 'फिर से अवैध हिरासत' में लिया गया था। उनका आरोप था कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन पुलवामा में उन्हें जाने की अनुमति नहीं दे रहा था। तब उनका कहना था कि वह अपनी पार्टी पीडीपी के युवा ईकाई अध्यक्ष वहीद रहमान के परिजनों से मिलने जाना चाहती थीं। महबूबा ने कहा था कि उनकी बेटी इल्तिजा को घर में नज़रबंद कर दिया गया।

जम्मू-कश्मीर से और ख़बरें
बता दें कि तब महबूबा मुफ़्ती को कुछ समय पहले ही एक साल बाद रिहा किया गया था। 2019 में पाँच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म कर दो हिस्सों में बाँटने के दौरान महबूबा सहित कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था। वह एक साल से ज़्यादा हिरासत में रखी गई थीं।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

जम्मू-कश्मीर से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें