जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को उपराज्यपाल (एल-जी) मनोज सिन्हा की प्रशासनिक नीतियों के खिलाफ तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि पिछले आठ महीनों से वह और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी चुपचाप उन सुरक्षा प्रतिबंधों को सहन करते रहे, जो उन्हें और मंत्रियों को उस कब्रिस्तान में जाने से रोक रहे थे। जहां 1931 में डोगरा शासक के खिलाफ विद्रोह के दौरान मारे गए 22 नागरिकों को दफनाया गया है।
जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा के खिलाफ उमर अब्दुल्ला का दर्द बाहर आया
Omar Abdullah vs Manoj Sinha in JK: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खुलासा किया है कि उन्होंने आठ महीने तक उपराज्यपाल प्रशासन की पाबंदियों को झेला है। उन्होंने कहा कि उनकी चुप्पी को कमज़ोरी न समझा जाए।

एलजी मनोज सिन्हा (बाएं) और सीएम उमर अब्दुल्ला (दाएं)