पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले और भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने में सफलता पा ली है। यह बात जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एनडीटीवी को दिए गए इंटरव्यू में कही है।

उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला कश्मीर में शांति के साथ-साथ इस पर भारत की कूटनीतिक स्थिति के लिए भी एक बड़ा झटका है। उमर ने कहा कि इस हमले ने केंद्र शासित प्रदेश में वर्षों की मेहनत से हासिल हुई तरक्की को मिटा दिया है।

उन्होंने कहा, "हम ऐसी स्थिति में पहुँच गए हैं जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। हम एक ऐसे दौर में हैं जहाँ खून-खराबा और पीड़ा है। उथल-पुथल है। सब कुछ बदल गया है, और फिर भी, कुछ भी नहीं बदला है।"

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उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जब मैं कहता हूँ कि कुछ नहीं बदला — तो उसका मतलब यह है कि पाकिस्तान ने, जानबूझकर और दुर्भाग्यवश, एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ला खड़ा किया है।"

उनकी यह टिप्पणी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश के तीसरे दिन आई है। भारत ने हमेशा यह रुख अपनाया है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और किसी तीसरे पक्ष की दखलअंदाज़ी को स्वीकार नहीं करता। लेकिन ट्रंप की इस टिप्पणी के बाद भारत सरकार की ओर से अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

22 अप्रैल को कश्मीर के मशहूर पर्यटक स्थल पहलगाम के बैसारन घास के मैदान में हुआ आतंकी हमला हाल के दिनों की सबसे भीषण घटनाओं में से एक था। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें 25 पर्यटक शामिल थे।

जब उमर अब्दुल्ला से पूछा गया कि इस हमले ने जम्मू-कश्मीर की किस्मत को कैसे बदला, तो उन्होंने कहा, "इस समय कश्मीर पर्यटकों से भरा होना चाहिए था, अर्थव्यवस्था फल-फूल रही होती, बच्चे स्कूलों में होते, हवाई अड्डों से रोज़ 50-60 उड़ानें होतीं।"

अब घाटी खाली है, स्कूल बंद हैं, हवाई अड्डे और वायु क्षेत्र बंद पड़े हैं।
-उमर अब्दुल्ला, सीएम जम्मू कश्मीर, 12 मई, 2025
भारत का स्वर्ग वीरान क्यों

हालांकि पीडीपी प्रमुख और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी यही बात कही कि हमने कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीकरण कर दिया है।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-ऑक्यूपाइड कश्मीर (पीओके) में नौ स्थानों पर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

इस जवाबी कार्रवाई के बाद इस्लामाबाद की ओर से ड्रोन हमलों, मिसाइल हमलों और सीमा पार तोपों की गोलाबारी जैसी आक्रामक गतिविधियां देखी गईं। भारत ने भी सटीक हमलों के ज़रिए पाकिस्तान की प्रमुख सैन्य संपत्तियों को निशाना बनाया। चार दिन की उग्र लड़ाई के बाद पाकिस्तान पीछे हट गया।

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ऑपरेशन की सफलता पर टिप्पणी करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भारत ने भले ही एक "सामरिक सैन्य जीत" हासिल की हो, लेकिन साथ ही उन्होंने "एक और गहरी रणनीतिक हार" की चेतावनी भी दी।