जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को दिल दहलाने वाले आतंकी हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं। इंडिया टुडे ने रिपोर्ट दी है कि मारे गए लोगों में 2 विदेशी नागरिक भी हैं। यह हमला अनंतनाग जिले के बैसरन घास के मैदान में हुआ, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से जाना जाता है। यह घटना वहाँ हुई जहाँ पर या तो पैदल या घोड़े पर सवारी से ही जाया जा सकता है। आतंकियों ने पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिससे इलाके में दहशत फैल गई।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोपहर करीब 2:30 बजे बैसरन घाटी में अज्ञात बंदूकधारियों ने पर्यटकों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकी जंगल से निकले और करीब से गोलीबारी की। एक महिला पर्यटक ने पीटीआई को फोन पर बताया, 'मेरे पति के सिर में गोली लगी और सात अन्य लोग भी घायल हुए। कृपया हमें अस्पताल पहुंचाने में मदद करें।' कुछ सूत्रों ने दावा किया कि आतंकियों ने गोलीबारी से पहले एक महिला पर्यटक से उसका नाम और धर्म पूछा था। हालाँकि, इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

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हमले में घायल हुए पर्यटकों में स्थानीय और बाहरी दोनों शामिल हैं। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां चार लोगों की हालत स्थिर बताई जा रही है, जबकि कुछ की हालत गंभीर है। घायलों को निकालने के लिए हेलिकॉप्टर और स्थानीय लोगों की मदद से घोड़ों का इस्तेमाल किया गया।

हमले की सूचना मिलते ही जम्मू-कश्मीर पुलिस, भारतीय सेना की विक्टर फोर्स, विशेष कार्य बल, और सीआरपीएफ की 116वीं बटालियन ने संयुक्त रूप से बैसरन घास के मैदान को घेर लिया। इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है, जिसमें आतंकियों को पकड़ने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन टीआरएफ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। पुलिस ने अभी तक इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

सऊदी अरब की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और हमले पर कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए। पीएम ने शाह को घटनास्थल का दौरा करने को भी कहा। शाह ने दिल्ली में सुरक्षा अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है।

पीएम मोदी ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा, 'मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ। जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ। मैं प्रार्थना करता हूँ कि घायल जल्द से जल्द स्वस्थ हों। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा... उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनकी दुष्ट योजना कभी सफल नहीं होगी। आतंकवाद के खिलाफ हमारा संकल्प अटल है और यह और भी मजबूत होगा।'

अमित शाह ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से मैं व्यथित हूँ। मेरी संवेदनाएँ मृतकों के परिवारजनों के साथ हैं। इस कायरतापूर्ण आतंकी कृत्य में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, और हम अपराधियों पर सबसे कठोर परिणामों के साथ कार्रवाई करेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को घटना के बारे में जानकारी दी और संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। जल्द ही श्रीनगर के लिए रवाना होऊंगा ताकि सभी एजेंसियों के साथ एक तत्काल सुरक्षा समीक्षा बैठक आयोजित की जा सके।'

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे नृशंस और अमानवीय करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'मैं इस हमले से स्तब्ध हूं। हमारे मेहमानों पर यह हमला घृणित है। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।' अब्दुल्ला ने मृतकों की संख्या की पुष्टि से बचते हुए कहा कि स्थिति स्पष्ट होने पर आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी हमले की निंदा की और इसे कायरतापूर्ण बताया। उन्होंने कहा, 'कश्मीर ने हमेशा पर्यटकों का गर्मजोशी से स्वागत किया है। यह दुर्लभ घटना गहरी चिंता का विषय है। इसकी गहन जांच होनी चाहिए।'

भाजपा नेता रविंदर रैना ने हमले के लिए "पाकिस्तानी आतंकियों" को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।

पर्यटकों पर हमला दुर्लभ

'चरवाहों की घाटी' कहा जाने वाला पहलगाम जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब वसंत ऋतु में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही थी। स्थानीय निवासी मोहम्मद उमर ने एएनआई को बताया, 'यह हमारे लिए बड़ा नुकसान है। हमारा रोजगार छिन गया। हम चाहते हैं कि दोषियों को सजा मिले।'

हाल के वर्षों में कश्मीर में पर्यटकों पर हमले दुर्लभ रहे हैं। इससे पहले जून 2024 में हिंदू तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर हमले में नौ लोग मारे गए थे। मंगलवार का हमला पिछले एक साल में पर्यटकों पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।

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कश्मीर में 1989 से चली आ रही उग्रवादी हिंसा में हजारों लोग मारे गए हैं, हालांकि हाल के वर्षों में हिंसा में कमी आई है। भारत का दावा है कि कश्मीर में उग्रवाद पाकिस्तान प्रायोजित है। 2019 में कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद भारत-पाकिस्तान संबंध और तनावपूर्ण हो गए हैं।

हाल ही में किश्तवाड़ के जंगलों में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी ठिकाने का पता चला था, जिसमें जीपीएस, सौर पैनल, और वाई-फाई जैसी सुविधाएं थीं। यह घटना क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों की जटिलता को दिखाती है।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पर्यटकों को स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में रहने और यात्रा सलाह का पालन करने की सलाह दी है। पर्यटन विभाग जल्द ही एक हेल्पलाइन जारी करने की तैयारी कर रहा है। इस हमले से पर्यटन उद्योग को तत्काल नुकसान होने की आशंका है, और स्थानीय व्यवसायों को रद्दीकरण का डर सता रहा है।

सुरक्षा बलों का तलाशी अभियान जारी है, और अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा। यह हमला कश्मीर में शांति और पर्यटन की बहाली के लिए एक नई चुनौती पेश करता है।