जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद एक बार फिर बेनकाब हुआ, जब तीन साल का एक मासूम बच्चा गोलियों से छलनी अपने दादा के शव के पास बैठा रोता रहा और सुरक्षा बल के जवान उसे बचा कर ले गए।