झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम
कैश बरामद होने के बाद ईडी ने आलमगीर आलम को पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के बाद आलम को गिरफ्तार किया गया। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलम ने ईडी दफ्तर में जाने से पहले संवाददाताओं से कहा, "मुझे आज भी बुलाया गया था और इसलिए मैं आया हूं।" ईडी ने मंत्री से मंगलवार को करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी।
मनी लॉन्ड्रिंग की जांच राज्य के ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। आलमगीर के पास यह विभाग है। संजीव लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम को ईडी ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था। ईडी ने दावा किया था कि उनके पास से ₹35.23 करोड़ जब्त किए गए हैं। उसके एक दिन बाद अब मंत्री पर सीधे कार्रवाई की गई है।
ईडी ने मीडिया को बताया था कि केंद्रीय एजेंसी की कम से कम सात टीमों ने सोमवार सुबह छह बजे छापेमारी शुरू की थी। ईडी अधिकारियों के मुताबिक, ये बरामदगी बड़े पैमाने पर रांची पहाड़ी के पास जहांगीर आलम के घर से हुई है। तलाशी शाम तक जारी रही और कैश गिनने वाली कई मशीनों से काम लेना पड़ा।
मंत्री आलमगीर आलम ने छापों के बाद कहा था कि “चुनाव चल रहे हैं। ईडी इस मामले की जांच कर रही है। विभाग के मंत्री होने के नाते वे मुझसे पूछताछ कर सकते हैं। मैं इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहता. लोग सब कुछ समझ रहे हैं।”
झारखंड में एकदम दिल्ली की तरह ईडी की कार्रवाई हो रही है। झारखंड में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से पहले कई अधिकारी गिरफ्तार हुए या उनके खिलाफ ईडी जांच कर रही है। हाल ही में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया था। अब उनके खास आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली में केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले उनके कई मंत्री गिरफ्तार किए गए। विपक्ष का कहना है कि मोदी सरकार ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष को बदनाम करने के लिए कर रही है।