loader

झारखंड: राज्यपाल ने सोरेन सरकार से मांगा दो दिन का समय

झारखंड में बने सियासी अनिश्चितता के माहौल के बीच महागठबंधन सरकार के नेताओं ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की है। इस दौरान महागठबंधन के नेताओं ने राज्यपाल से जल्द से जल्द स्थिति साफ करने के लिए कहा। 

मुलाकात के बाद झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। राज्यपाल ने इस मामले में कानूनी राय मांगी है और आश्वासन दिया है कि 2 दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।

विधायकों ने शिकायत की कि राज्यपाल के कार्यालय से जानकारियों के लीक होने के कारण असमंजस की स्थिति बन रही है। राज्यपाल ने कहा कि उनके कार्यालय से ऐसा नहीं हो रहा है। 

ताज़ा ख़बरें

सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दोषी ठहराते हुए विधानसभा से उनकी अयोग्यता की सिफारिश की है। इसका मतलब यह है कि राज्यपाल द्वारा अयोग्यता के संबंध में नोटिफिकेशन जारी करने के बाद सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। 

साथ ही उनके मंत्रिमंडल को भी इस्तीफा देना होगा। हालांकि, वह छह महीने के भीतर उपचुनाव लड़कर फिर से विधानसभा के लिए निर्वाचित हो सकते हैं। 

तमाम अटकलें

राज्यपाल रमेश बैस इस बात को जाहिर नहीं कर रहे हैं कि चुनाव आयोग की सिफारिश में क्या कहा गया है। चूंकि यह सिफारिश बंद लिफाफे में राजभवन को भेजी गयी है इसलिए तरह-तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं। इन अटकलों में यह बात भी शामिल है कि सोरेन के चुनाव लड़ने पर कुछ दिनों के लिए पाबंदी लग सकती है।

महागठबंधन के नेताओं ने पूछा है कि क्या कारण है कि चुनाव आयोग की सिफारिश को लेकर राज्यपाल ने अब तक कुछ नहीं कहा। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इस तरह समय काटकर विधायकों की खरीद-फरोख्त की तैयारी की जा रही है।

झारखंड से और खबरें

विधायकों को किया 'सुरक्षित'

सियासी गहमागहमी के बीच हेमंत सोरेन सरकार ने अपने विधायकों को 'सुरक्षित' करने के मक़सद से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर भेजा है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है जबकि झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल मिलकर सरकार चला रहे हैं। 

कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों के साथ रांची से 30 किलोमीटर दूर लतरातू डैम गए थे। फिर वे सभी रांची लौट आए थे। 

झारखंड की महागठबंधन सरकार को इस बात की आशंका है कि ऑपरेशन लोटस के तहत बीजेपी महागठबंधन के विधायकों में सेंध लगा सकती है। इसलिए विधायकों को 'सुरक्षित' किया गया है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

झारखंड से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें