बेंगलुरु भगदड़ के मामले में कर्नाटक सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की घोषणा की। इसके साथ ही इस घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय आयोग का गठन किया गया है।

आरसीबी की पहली आईपीएल ट्रॉफी जीत के जश्न के दौरान बेंगलुरु में भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई और कम से कम 37 लोग घायल हो गए। इस मामले में बड़ी लापरवाही सामने आई। तीखी आलोचनाओं के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, 'कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर, स्टेशन हाउस मास्टर, स्टेशन हाउस ऑफिसर, एसीपी, सेंट्रल डिवीजन डीसीपी, क्रिकेट स्टेडियम प्रभारी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और पुलिस आयुक्त को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।'

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गुरुवार को एक कैबिनेट बैठक आयोजित करने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी सरकार ने जांच को आपराधिक जांच विभाग यानी सीआईडी को सौंप दिया है और इस त्रासदी की जांच के लिए एक आयोग नियुक्त करने की योजना बनाई है। आयोग 30 दिनों में रिपोर्ट सौंपेगा। 

सिद्धारमैया ने कहा, 'सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जॉन माइकल डी'कुन्हा के कुशल मार्गदर्शन में हम एक एकल सदस्य आयोग नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं। हमने कैबिनेट में लापरवाही के कारण इसमें शामिल संगठनों के प्रतिनिधियों को गिरफ्तार करने का फ़ैसला लिया है।' 

'आरसीबी पर भी होगी कार्रवाई'

सिद्धारमैया ने कहा कि पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है और अब अगला कदम आरसीबी के खिलाफ होगा। उन्होंने कर्नाटक के डीजीपी और आईजीपी को निर्देश दिए कि त्रासदी के मद्देनजर आरसीबी प्रतिनिधि, डीएनए इवेंट मैनेजर्स और राज्य क्रिकेट संघ केएससीए के सदस्यों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। क्रिकेट संगठन ने स्पष्ट रूप से पुलिस की सलाह को नजरअंदाज कर दिया था, जिसमें सम्मान समारोह की तैयारी के लिए कुछ और दिन देने की बात कही गई थी। 

आरसीबी ने 4 जून को एक्स पर सम्मान समारोह के बारे में पोस्ट किया था। पोस्ट में कहा गया था कि शाम 5 बजे से विधान सौधा से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक एक 'विजय परेड' शुरू होगी, जिसके बाद स्टेडियम के अंदर सम्मान समारोह होगा।

आरसीबी की पोस्ट में मुफ्त पास के लिए एक लिंक भी शामिल था, जिसमें सीमित प्रवेश की घोषणा की गई थी और प्रशंसकों से पुलिस दिशानिर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया गया था।
सिद्धारमैया ने आगे कहा कि राज्य की आपराधिक जांच विभाग यानी सीआईडी इस हादसे की जांच को अपने हाथ में लेगी। उन्होंने कहा, 'यह एक अभूतपूर्व घटना थी जिसमें 11 लोगों की जान चली गई और 37 लोग घायल हो गए। सभी घायलों को मुफ्त इलाज दिया जा रहा है।'
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मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये के मुआवजे और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की है। आरसीबी ने भी मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की।

विपक्ष का हमला

विपक्षी दल बीजेपी ने इस घटना को राज्य सरकार की आपराधिक लापरवाही करार देते हुए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार से इस्तीफे की मांग की है। बीजेपी ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। 
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बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक्स पर लिखा, 'मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री ने फोटो खिंचवाने की जल्दी में आरसीबी को बाध्य किया कि फाइनल जीतने के 12 घंटे के अंदर ही उत्सव आयोजित किया जाए। इसका नतीजा 11 लोगों की मौत और 50 से अधिक लोगों के घायल होने के रूप में सामने आया। पूर्व में जिस प्रकार अल्लू अर्जुन को भगदड़ का जिम्मेदार बताकर उन्हें गिरफ़्तार किया गया था, क्या आज सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार गिरफ़्तार किए जाएँगे?'

सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार इस मामले में किसी भी तरह की राजनीति नहीं करेगी और पीड़ितों के साथ पूरी तरह खड़ी है।