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कर्नाटक मंत्री बोले-टीपू की तरह सिद्धारमैया को ख़त्म करो; हत्या के लिए उकसावा?

पहले कर्नाटक बीजेपी प्रमुख नलिन कतील ने कहा था कि टीपू सुल्तान के समर्थकों को ज़िंदा नहीं रहना चाहिए, वहीं अब कर्नाटक के मंत्री सीएन अश्वथ नारायण ने सिद्धारमैया को 'ख़त्म' करने का आह्वान कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को कर्नाटक के मंत्री सीएन अश्वथ नारायण पर उन्हें मारने के लिए लोगों को 'भड़काने' की कोशिश करने का आरोप लगाया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'उच्च शिक्षा मंत्री अश्वथ नारायण ने लोगों से अपील की है कि टीपू की तरह मुझे भी मार डालो। अस्वथ नारायण, आप लोगों को भड़काने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? बंदूक खुद उठा लें।' उन्होंने कहा, 'मुझे आश्चर्य नहीं है कि अश्वथ नारायण मुझे मारने का आह्वान कर रहे हैं। महात्मा गांधी के हत्यारे की पूजा करने वाली पार्टी के नेताओं से हम प्यार और दोस्ती की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?'

उन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से सीएन अश्वथ नारायण को कैबिनेट से बर्खास्त कर उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया है। राज्य विधानसभा में उन्होंने अश्वथ नारायण पर निशाना साधते हुए हाल ही में मांड्या में की गई उनकी टिप्पणी का ज़िक्र किया। एक रिपोर्ट के अनुसार अश्वथ नारायण ने कहा था, 'टीपू का बेटा सिद्धारमैया आएगा ....आप टीपू या सावरकर चाहते हैं? हमें टीपू सुल्तान को कहां भेजना चाहिए? उरी गौड़ा और नन्जे गौड़ा ने क्या किया? उसी तरह उन्हें भी ठोका जाना चाहिए और भेज दिया जाना चाहिए।'

अश्वथ नारायण ने जो कहा उसका संदर्भ यह है कि पुराने मैसूर बेल्ट में एक वर्ग का दावा है कि टीपू अंग्रेजों से लड़ते हुए नहीं मरे, बल्कि दो वोक्कालिगा सरदारों उरी गौड़ा और नन्जे गौड़ा द्वारा मारे गए। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इस दावे को कुछ इतिहासकार विवादित मानते हैं।

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लेकिन अश्वथ नारायण के बयान पर जब काफ़ी ज़्यादा विवाद हो गया तो उन्होंने अपनी ओर से सफ़ाई जारी की और कहा, 'उनका बयान व्यक्तिगत रूप से सिद्धारमैया पर नहीं था और अगर कांग्रेस विधायक दल के नेता को चोट लगी है, तो वह खेद व्यक्त करेंगे।'

उन्होंने यह भी सफाई दी कि उनका मतलब केवल चुनावी रूप से हराना है और कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाना है, जैसी कि ग़लत व्याख्या की जा रही है।

इस मामले में कार्रवाई नहीं किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पता चलता है कि बोम्मई, गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र और उनका अक्षम कैबिनेट सो रहा है।

उन्होंने कहा कि क्या गुजरात भाजपा की संस्कृति कर्नाटक भाजपा में भी समा गई है? उन्होंने यह जानने की कोशिश करते हुए पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2002 की तरह अब भी चुप रहेंगे।

हुबली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि नारायण के पास मंत्री के रूप में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, मैं राज्यपाल से उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का अनुरोध करता हूं। 

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बता दें कि कर्नाटक भाजपा प्रमुख नलिन कुमार कतील ने एक दिन पहले ही साफ़ तौर पर टीपू सुल्तान के मानने वालों को मारने की अपील की थी। उन्होंने कह दिया कि टीपू सुल्तान के वंशजों को खदेड़ कर जंगलों में भेज देना चाहिए।

टीपू सुल्तान को लेकर बीजेपी लगातार मुद्दा बनाती रही है। और इस वजह से इस पर विवाद भी होता रहा है। राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने 2019 में माध्यमिक स्कूलों के इतिहास की किताब से टीपू सुल्तान के पाठ को हटाने की बात की थी तो इस पर काफी विवाद हुआ था। कर्नाटक में सत्ता में आने के तुरंत बाद जुलाई में बीजेपी सरकार ने टीपू सुल्तान की जयंती समारोह को ख़त्म कर दिया था। यह एक वार्षिक सरकारी कार्यक्रम था जिसको सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू किया गया था। इसका 2015 से ही बीजेपी विरोध कर रही थी।

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क़मर वहीद नक़वी
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