हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक कर्नाटक सरकार द्वारा पारित एक कानून है जो 1 करोड़ रुपये से अधिक आमदनी वाले हिंदू मंदिरों से आय का 10 फीसदी टैक्स अदा करने का आदेश देता है। विधेयक का मकसद राज्य में हिंदू धार्मिक संस्थानों और धर्मार्थ बंदोबस्ती के मैनेजमेंट और फंडिंग को नियमों के तहत लाना है। सरकार जो टैक्स राज्य के अमीर मंदिरों से प्राप्त करेगी, वो उसे आर्थिक रूप से कमजोर पुजारियों, सी-ग्रेड मंदिरों के विकास और पुजारियों के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने पर खर्च होगा। भाजपा के लिए मंदिरों पर टैक्स मुद्दा बन गया। उसने कांग्रेस पर हिन्दू विरोधी कार्य करने का आरोप लगाया है।
कर्नाटक के अमीर मंदिरों पर टैक्सः सच क्या है, भाजपा क्या छिपा रही है
- कर्नाटक
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- 29 Mar, 2025
कर्नाटक विधानसभा ने हाल ही में एक बिल को पास किया है, जिसमें कर्नाटक के ऐसे मंदिरों पर दस फीसदी टैक्स का प्रस्ताव है, जिनकी आमदनी एक करोड़ सालाना या उससे ऊपर है। इसका भाजपा भारी विरोध कर रही है। उसने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को हिन्दू विरोधी तक बता दिया है, लेकिन एक तथ्य है जो भाजपा छिपा रही है। क्योंकि कर्नाटक में मंदिरों पर टैक्स पहले भी थे लेकिन अब सिर्फ अमीर मंदिरों पर टैक्स लगाया जाएगा। जानिए पूरी कहानीः
