ब्रिटिश सरकार ने भारत में अपने शासन काल के दौरान जिन-जिन किताबों पर प्रतिबंध लगाया, उनमें 1909 में बाबू नवाब राय बनारसी का उर्दू में लिखा पाँच कहानियों का संग्रह 'सोज़-ए-वतन' (वतन का दुख-दर्द) भी था। नवाब राय के इस कहानी संग्रह की चर्चा हिंदी साहित्य में बहुत ही कम हुई है जिसका मुख्य कारण यह है कि इस किताब पर प्रतिबंध लगने के थोड़े ही समय बाद लेखक नवाब राय की मृत्यु हो गई।