सुविख्यात असमिया कवि नीलमणि फूकन को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है। पिछले लगभग सात दशकों से कविता कर्म में सक्रिय फूकन इस सम्मान के सच्चे हक़दार हैं, क्योंकि उन्होंने असमिया कविता को नया अंदाज़ और मुहावरा दिया है। आम तौर पर यह कहा जाता है कि वे फ्रांसीसी प्रतीकवाद से प्रभावित हैं और उनकी कविता में ये भरपूर नज़र भी आता है। मगर सचाई यह है कि उनकी अपनी शैली है और उस पर उनका ज़बर्दस्त अधिकार भी है। वह प्रगतिशील सोच वाले आधुनिक कवि हैं और उनकी कविता का असर बाद की पीढ़ियों में भी साफ़ तौर पर देखा जा सकता है।