बताया जा रहा है कि प्रियंका गाधी इस बात से डरी हुई हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी इस बार अमेठी में बुरी तरह फँसे हुए हैं और चुनाव हार भी सकते हैं।
प्रियंका गाँधी के अचानक इस तरह अमेठी पहुँचकर घर-घर प्रचार करने से इस आशंका को बल मिला है कि अमेठी में स्मृति ईरानी के लगातार सक्रिय रहने से राहुल गांधी की हार का ख़तरा मंडराने लगा है। क़रीब दो हफ़्ते पहले प्रियंका ने अपने दो दिनी अमेठी दौरे पर कार्यक्रताओं की बंद कमरे में बैठक में साफ़ तौर कहा था कि इस बार वह पहले की तरह अमेठी मे ज़्यादा वक़्त नहीं दे पाएँगी, क्योंकि राहुल गांधी ने देश के दूसरे हिस्सों मे प्रचार की ज़िम्मेदारी उनके कंधों पर डाल दी है। लिहाज़ा उन्हें इस बार राहुल को जिताने के लिए कड़ी मेहनत करनी है।
राहुल की हार का डर
अमेठी पहुंचते ही प्रियंका ने स्मृति पर तंज़ करते हुए हमला बोला। प्रियंका ने कहा कि अमेठी के लोग ऐसे किसी नेता का समर्थन नहीं करेंगे जो उन्हें भिखारी समझता है। प्रियंका ने यह भी कहा कि कभी वह (स्मृति ईरानी) यहां जूते बाँटतीं हैं तो कभी साड़ियाँ। अमेठी की जनता बड़ी स्वाभिमानी है। यहां के लोग ऐसे नेता का कभी समर्थन नहीं करेंगे, जो उन्हें भिखारी समझते हैं।
स्मृति ने भी तुर्की ब तुर्की जवाब दिया। स्मृति बोलीं कि प्रियंका को यह भी बताना चाहिए कि 15 साल से अमेठी का सांसद (राहुल गांधी) कहाँ हैं।
ईरानी का पलटवार
दलितों तक पहुँचने की कोशिश
प्रियंका सपा-बसपा के नेताओं से उनके घर जाकर मुलाक़ात करके यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि उनके समर्थकों के वोट कांग्रेस के हक में ही पड़ें।
तू डाल-डाल, मैं पात-पात
अमेठी के रास्ते लोकसभा पहुँचने की तैयारी में जुटीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का चुनाव प्रचार और जनसंपर्क अभियान ज़ोरों पर है। रविवार को उनका यहां एक अलग ही अंदाज देखने को मिला। स्मृति मुंशीगंज के पास के इलाके में जनसंपर्क के लिए निकली थीं, तभी उन्हें पड़ोस के गांव पूरबद्वारा में भीषण आग लगने की ख़बर मिली।
आग लगने की ख़बर पाते ही स्मृति वहाँ पहुँच गईं। वहाँ फायर ब्रिगेड गाड़ी आने में देरी होने पर उन्होंने खुद ही नल से पानी भरकर प्रभावित घरों और खेतों में डलवाना शुरू कर दिया। साथ ही रोती-बिलखती महिलाओं को सांत्वना दी। इस घटना की तसवीरें मीडिया और सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।
यह गांव उसी मुंशीगंज के पास है जहां के मशहूर गेस्ट हाउस में राहुल और प्रियंका ठहरते हैं। इस घटना के बाद स्मृति ईरानी लोगों से कह रहीं है कि आपके सांसद और उनकी बहन जिस यहां ठहरते हैं उसके पास के गांव में आग लगने पर भी दोनों में से कोई भी ख़ैर ख़बर लेने नहीं पहुंचा। अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि प्रियंका गांधी उस गांव में आग से प्रभावित लोगों से मिलने गईं थी या नहीं। इस घटना ने अमेठी में स्मृति और प्रियंका के बीच तू डाल-डाल मैं पात-पात वाले मुक़ाबले के हालात ज़रूर बना दिए हैं।