राहुल ने कहा है कि कांग्रेस ग़रीबों को न्यूनतम आमदनी देने की बात करती है तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी अमीरों की आमदनी को अधिकतम करने की कोशिश करते हैं।
राहुल गाँधी ने कहा है कि कांग्रेस ग़रीबों को न्यूनतम आमदनी देने की बात करती है तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी अमीरों की आमदनी को अधिकतम करने की कोशिश करते हैं। राहुल गाँधी ने कहा कि पिछले 5 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 15 दोस्तों को अधिकतम आमदनी गारंटी की योजना दी है।
मंगलवार को राहुल ने केरल के कोच्चि में एक रैली में मोदी को हिंदुस्तान के सबसे अमीर लोगों का दोस्त बताया। राहुल ने कहा कि मोदी सरकार लगातार अमीरों की आमदनी बढ़ाने में लगी हुई है। इस मौक़े पर उन्होंने अनिल अंबानी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि अगर आप अनिल अंबानी हैं तो आपको सबसे ज़्यादा आमदनी होगी।
आपको बता दें कि राहुल गाँधी लगातार इस बात को कहते रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने रफ़ाल सौदे में अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ का फ़ायदा पहुँचाया है। राहुल लंबे समय को मोदी सरकार को सूट-बूट की सरकार कहते रहे हैं।
अंबानी को कांट्रेक्ट ज़रूर मिलेगा
कांग्रेस अध्यक्ष ने रैली में कहा, कर्नाटक, केरल, ओडिशा के लोगों से नौकरी छीनी जा सकती है, एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) को किनारे किया जा सकता है लेकिन अनिल अंबानी को कांट्रेक्ट ज़रूर मिलेगा। राहुल ने जोरदार हमला करते हुए कहा कि देश के लोग 5 साल से यह तमाशा देख रहे हैं। राहुल ने कहा कि मोदी सरकार में अमीर लोग ग़रीबों का पैसा लेकर भाग जाते हैं। राहुल ने रैली में कहा कि नीरव मोदी 45,000 करोड़, मेहुल चोकसी 30,000 करोड़ और विजय माल्या 10,000 करोड़ लेकर भाग गए।
बीजेपी की ओर से राहुल के न्यूनतम आमदनी वाले बयान को सिर्फ़ चुनावी हथकंडा बताया गया था। केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने राहुल की इस घोषणा के बाद ट्टवीट किया था कि मिस्टर गाँधी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में आपकी सरकार किसानों से किए गए कर्ज़माफ़ी के वादे को ही नहीं पूरा कर सकी।
मायावती ने कसा था तंज
कांग्रेस की ओर से न्यूनतम आमदनी की गारंटी की घोषणा करने पर मंगलवार सुबह ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस पर तंज कसा था। मायावती ने कहा था कि क्या यह ‘ग़रीबी हटाओ’ के नारे के वादे जैसा ही मजाक है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भी ग़रीबों के खाते में 15 से 20 लाख रुपये डालने की बात कह रही थी लेकिन उसका क्या हुआ? बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने 1971 के लोकसभा चुनाव में ग़रीबी हटाओ का नारा दिया था। इस नारे का ख़ूब असर भी हुआ था और इंदिरा को चुनाव में जीत मिली थी।
दरअसल, राहुल का यह एलान मोदी सरकार के ख़िलाफ़ उनका ब्रह्मास्त्र साबित हो सकता है, क्योंकि यह माना जा रहा है कि राहुल ने मोदी का एक बड़ा मारक हथियार उनसे छीन लिया है। ऐसी चर्चा थी कि मोदी सरकार इस बजट में ऐसी किसी योजना की घोषणा कर सकती है।