loader

एमपी: खरगोन में हिंदू महिला उम्मीदवार ने जीती ओवैसी के लिए सीट

मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय के चुनावों में भले ही आरएसएस के ‘कुछ दांव’ फेल हो गये, लेकिन असदुद्दीन ओवैसी का ‘प्रयोग’ सफल रहा। खरगोन में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम ने एक हिंदू महिला को टिकट दिया, 70 प्रतिशत मुसलिम वोटरों वाली सीट पर इस हिंदू महिला उम्मीदवार को एआईएमआईएम के झंडे तले जीत मिल गई।

खरगोन में इसी साल अप्रैल महीने में दंगे हुए थे। दंगों की वजह से अनेक मुसलिम परिवारों को कई महीनों तक घर छोड़ना पड़ा था। यहां-वहां शरण लेकर उन्होंने समय बिताया था। दंगों में शामिल होने के आरोप में बड़ी संख्या में मुसिलमों पर केस दर्ज हुए थे। गिरफ्तारियां हुई थीं। कई तो आज भी जेलों में बंद हैं। 

दंगा करने के आरोपों से घिरे 100 से भी ज्यादा मुसलिमों के घर और प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर चला दिये गये थे।

ताज़ा ख़बरें

दंगे थमने के बाद लौटे परिवारों ने आपबीती सुनाई थी। दंगों के दौरान की अनेक कहानियां राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बनी थीं। दोनों हाथ नहीं होने वाले एक दिव्यांग मुसलिम युवक पर पत्थरबाजी के आरोप में केस दर्ज होने और फिर उसकी गुमटी उठा लेने संबंधी खबर भी नेशनल मीडिया में हेडलाइन बनी थी। 

प्रधानमंत्री आवास योजना में मिला घर टूटने के बाद एक बुजुर्ग मुसलिम महिला बिलखती हुई नेशनल न्यूज चैनलों पर दिखलाई पड़ी थी।

दंगे थमने के बाद खरगोन में हिंदू और मुसलिम बस्तियों में वैमनस्यता को रोकने के लिये दोनों समुदाय के घरों के बीच ऊंची दीवारें खड़ी की गईं। 

Aruna Shyamlal Upadhyay by AIMIM wins in Khargone - Satya Hindi
अरुणा श्यामलाल उपाध्याय।

ओवैसी, कांग्रेस के आरोप

मध्य प्रदेश में मुसलिमों पर अत्याचार और कानून की अनदेखी का आरोप लगाने वालों में एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी सबसे आगे रहे थे। खरगोन के घटनाक्रमों को लेकर उन्होंने जमकर आवाज उठाई थी। राज्य की सरकार को कठघरे में खड़ा किया था। प्रतिपक्ष कांग्रेस द्वारा मुसलिमों पर अत्याचार की अनदेखी के आरोप भी लगाए थे।

खरगोन दंगों के बाद से ही ओवैसी और उनकी पार्टी ने मालवा-निमाड़ क्षेत्र में राजनीतिक चौसर जमाना आरंभ कर दिया था। स्थानीय सरकार के हालिया चुनाव के पहले यह जमावट तेज हुई थी। ओवैसी के छोटे भाई ने भी इंदौर और मालवा-निमाड़ क्षेत्र के दौरे किये थे।

स्थानीय निकाय के चुनाव में एआईएमआईएम ने काफी संख्या में उम्मीदवार उतारे। ओवैसी ने चुनाव के पहले हैदराबाद में इस संबंध में बैठकें कीं। मध्य प्रदेश के लोगों को हैदाराबाद बुलाया। चुनाव में वे स्वयं मध्य प्रदेश आये। अनेक चुनावी सभाएं कीं।
ओवैसी और उनकी पार्टी की मेहनत रंग लायी। पहले दौर के नतीजों में एआईएमआईएम ने कई सीटें जीतीं। खरगोन नगर पालिका चुनाव के बुधवार को आये नतीजों में ओवैसी की पार्टी के 3 उम्मीदवार पार्षद का चुनाव जीतने में सफल रहे। खरगोन के वार्ड नंबर दो का परिणाम भाजपा और कांग्रेस समेत राजनैतिक प्रेक्षकों के लिये बेहद चौंकाने वाला रहा है। 
ओवैसी ने 70 प्रतिशत मुसलिम वोटरों वाले इस वार्ड में हिंदू उम्मीदवार को उतारा था। महिला के लिये रिजर्व सीट से एआईएमआईएम ने अरुणा श्यामलाल उपाध्याय को टिकट दिया।

31 वोटों से मिली जीत 

इस वार्ड में अरुणा के अलावा कांग्रेस की शिल्पा सोनी, भाजपा की सुनीता गांगले, निर्दलीय बेबी पगारे, किरण देवले और लक्ष्मी आड़तिया मैदान में थीं। कुल पड़े वोटों में से अरुणा को 643 मत मिले। वहीं, भाजपा की सुनीता गांगले  612 वोट हासिल कर पायीं। कांग्रेस प्रत्याशी को 458 मत मिले और वह तीसरे स्थान पर रहीं। अरुणा ने 31 मतों से जीत हासिल की। खरगोन के इस वार्ड में कुल 2 हजार 915 मतदाता हैं। 

12वीं तक पढ़ीं अरुणा के पति श्यामलाल ने ही उन्हें पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया था। अरुणा ने कहा, ‘पार्षद बनने के बाद मेरा मूल उद्देश्य जनसेवा और भाईचारा स्थापित कर धरातल पर काम करना है।’

‘समानता की बात करते हैं ओवैसी’

जीत के बाद उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा, ‘पार्टी प्रमुख ओवैसी खुलकर संविधान और देश में कानून और समानता की बात करते हैं। उनकी इसी बात से बहुत प्रभावित हूं। शहर में 10 अप्रैल को हुए सांप्रदायिक दंगे के दौरान मन आहत हुआ था, इसलिए अब शहर में सांप्रदायिक सद्भाव के लिए भी प्रमुखता से काम करूंगी। यही कारण है कि मैंने इसी पार्टी से पार्षद का चुनाव लड़ना ठीक समझा।’

अरुणा ने बताया, ‘टिकट के लिए मेरा इंटरव्यू हुआ था। जिसके बाद मुझे टिकट मिला था। मैं शुक्रगुजार हूं औवेसी साहब की, जिन्होंने मुझे इस काबिल समझा और मुझे टिकट दिया। पार्षद बनवाया। ओवैसी साहब की समानता, भाईचारे की बात मुझे बहुत अच्छी लगती है।’

बुरहानपुर में कांग्रेस का खेल बिगाड़ा 

एआईएमआईएम ने निकाय चुनाव में प्रदेश के पांच शहरों में मेयर के 2 और 53 पार्षद प्रत्याशी उतारे थे। पहले चरण के परिणामों में एआईएमआईएम ने जबलपुर में दो और खंडवा एवं बुरहानपुर में एक-एक सीट पर पार्षद चुनाव जीता। जबकि दूसरे दौर के नतीजों में खरगोन में पार्षद की तीन सीटें जीतने में पार्टी सफल रही।

जबलपुर, भोपाल, खंडवा और बुरहानपुर में एआईएमआईएम के 8 पार्षद प्रत्याशी दूसरे नंबर पर आए।

बुरहानपुर में एआईएमआईएम की महापौर पद की उम्मीदवार ने कांग्रेस का खेल खराब किया। इस सीट पर महापौर का पद कांग्रेस महज 544 वोट से हारी। तीसरे नंबर पर रही एआईएमआईएम की मेयर उम्मीदवार को 10 हजार के करीब वोट मिले। यदि ओवैसी के दल की प्रत्याशी नहीं होती तो इस सीट पर भी महापौर का चुनाव कांग्रेस आसानी से जीत जाती।

मध्य प्रदेश से और खबरें

जबलपुर में फेल, इंदौर में पास

स्थानीय निकाय के इस चुनाव में आरएसएस ने भी खूब प्रयोग किये। भाजपा के गढ़ जबलपुर में अनेक दमदार उम्मीदवारों को किनारे करते हुए नये चेहरे डॉक्टर जितेन्द्र जामदार को मेयर का उम्मीदवार बनाया। डॉक्टर जामदार चुनाव हार गये। लंबे समय के बाद सीट कांग्रेस की झोली में गई।

इंदौर में भी आरएसएस के करीबी माने जाने वाले कम पहचान वाले चेहरे पुष्यमित्र भार्गव पर बीजेपी ने दांव खेला, इस गढ़ में भार्गव जीत दर्ज करने में सफल रहे। कटनी में दमदार चेहरे की अनदेखी भाजपा पर भारी पड़ी। बागी हो गईं उम्मीदवार ने बीजेपी को हरवा दिया। संघ की सिफारिश वाली सीटों पर पार्षद पद के नये और आरएसएस के करीबी कई चेहरों को सफलता नहीं मिल पायी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
संजीव श्रीवास्तव
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

मध्य प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें