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डिप्टी डीएम प्रिया वर्मा।

नागरिकता क़ानून: डीएम, डिप्टी डीएम पर दर्ज हो एफ़आईआर: बीजेपी; कांग्रेस का इनकार

मध्य प्रदेश में नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में रैली निकालने वाले बीजेपी के नेताओं की महिला जिला कलेक्टर निधि निवेदिता और युवा महिला डिप्टी डीएम प्रिया वर्मा द्वारा पिटाई के मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। यह रैली भोपाल से लगे राजगढ़ जिले के ब्यावरा में बीजेपी के कार्यकर्ताओं की ओर से निकाली जा रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्जिवय सिंह समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने जहां डीएम और डिप्टी डीएम के ‘साहसी कार्य’ (बीजेपी के नेताओं की पिटाई) के लिए उनकी पीठ थपथपाई, वहीं इन दोनों अधिकारियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर बीजेपी अड़ गई है। मध्य प्रदेश बीजेपी ने सोमवार को एलान किया था कि अगर 24 घंटों में एफ़आईआर नहीं हुई तो 22 जनवरी को राजगढ़ में बड़ा प्रदर्शन किया जायेगा। जबकि कमलनाथ सरकार के क़ानून मंत्री पी. सी. शर्मा ने कहा है कि वह डीएम निधि निवेदिता और डिप्टी डीएम प्रिया वर्मा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज नहीं करेगी। 

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नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस (एनआरसी) को लेकर देश भर में बवाल मचा हुआ है। सीएए के पक्ष और विरोध में आंदोलन-प्रदर्शन हो रहे हैं। मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। यहां भी पक्ष और विरोध में लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ साफ़ कह चुके हैं कि मध्य प्रदेश में सीएए लागू नहीं होगा।

उधर, पार्टी के देशव्यापी अभियान के तहत मध्य प्रदेश में भी बीजेपी सीएए के समर्थन में आंदोलन-प्रदर्शन कर रही है। सीएए और एनआरसी का ‘सच’ बताने के लिए बीजेपी घर-घर भी जा रही है। इसी क्रम में रविवार को राजगढ़ जिले के ब्यावरा में बीजेपी के नेता इकट्ठा हुए थे।

प्रदर्शन के दौरान हुआ हंगामा

राजगढ़ जिले में धारा 144 लागू है। बिना अनुमति के भीड़ के एकत्र होने की सूचना पर जिला कलेक्टर निधि निवेदिता भी मौक़े पर पहुंच गईं। दल-बल के साथ पहुंची निधि की प्रदर्शनकारियों से बहस हुई। बहस के बाद डीएम ने बीजेपी के एक प्रदर्शनकारी को चांटा रसीद कर दिया। डीएम ने प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे बीजेपी के पूर्व विधायक अमर सिंह यादव को कॉलर पकड़कर खदेड़ भी दिया। इसके बाद हंगामा हो गया। हंगामे के बीच जिले की डिप्टी डीएम प्रिया वर्मा भी प्रदर्शनकारियों से भिड़ गईं। भीड़ में ज्यादा उग्र हो रहे प्रदर्शनकारियों को प्रिया ने भी तमाचे रसीद कर दिये। इससे ग़ुस्साये प्रदर्शनकारियों ने भी अफसरों को धकियाना शुरू कर दिया। आरोप है कि भूपेंद्र चौहान नाम के बीजेपी कार्यकर्ता ने प्रिया की बाले खींचे और उन्हें धक्का दे दिया।

इस घटनाक्रम के बाद आला अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गये। बुरी तरह से घायल हुए कई प्रदर्शनकारियों को भोपाल के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने साढ़े छह सौ प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की हैं। एक दर्जन से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को जेल भेजा गया है।

इस घटनाक्रम के बाद राजनीति गरमा गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए पूरे घटनाक्रम पर अफसोस जताया था। उन्होंने कहा था, ‘हाथों में तिरंगा थामकर वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाकर शांतिपूर्ण मार्च कर रहे कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ इस तरह का बर्बरतापूर्ण बर्ताव अमानवीय और कल्पना से परे है।’ शिवराज ने इस दिन को मध्य प्रदेश के इतिहास का काला दिन भी बताया था। सोमवार को भी इस मामले पर मध्य प्रदेश में जमकर राजनीति हुई।

‘वेश्याओं की तरह कपड़े बदलते हैं अफ़सर’

मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राजगढ़ के घटनाक्रम को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर बिना किसी का नाम लिए कहा, ‘अफ़सर वेश्याओं की तरह कपड़े बदलते हैं। अफ़सरों को यह नहीं भूलना चाहिए कि सरकारें आती-जाती रहती हैं। निज़ाम बदला तो ऐसे अफ़सरों का नौकरी करना मुश्किल हो जायेगा।’

मप्र बीजेपी ने जांच के लिए भेजा दल

मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष राकेश सिंह ने भी पूरे घटनाक्रम की तीव्र निंदा करते हुए जांच के लिए बीजेपी का एक दल राजगढ़ भेजा है और पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी गई है। शिवराज सरकार में मंत्री रहे भोपाल जिले के वरिष्ठ विधायक विश्वास सारंग की अगुवाई में दल राजगढ़ पहुंचा और घटनाक्रम से जुड़े ‘तथ्य’ जुटाये हैं। राकेश सिंह ने कहा कि मंगलवार शाम तक डीएम और एसडीएम के ख़िलाफ़ पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज नहीं की तो 22 जनवरी को राजगढ़ में बड़ा प्रदर्शन किया जायेगा। प्रदर्शन में वह स्वयं, शिवराज सिंह चौहान और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत कई नेता शामिल होंगे।

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मुख्यमंत्री कमलनाथ इस समय दावोस में है और वर्ल्ड इकनॉमिक फ़ोरम कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। वे 25 जनवरी के बाद लौटेंगे। सूत्रों का कहना है कि पूरे घटनाक्रम की जानकारी मुख्यमंत्री को फ़ोन पर दे दी गई है। 

दिग्विजय बोले - गर्व है

कमलनाथ ने भले ही अभी अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी हो लेकिन दिग्विजय सिंह ने डीएम और डिप्टी डीएम की पीठ थपथपाई है। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘राजगढ़ में बीजेपी की गुंडागर्दी सामने आ गई है। महिला जिला कलेक्टर और महिला एसडीएम को पीटा गया, बाल खींचे गए। महिला अधिकारियों की बहादुरी पर हमें गर्व है।’ 

‘अफ़सर ना होती, तो भी पीटती’ 

घटनाक्रम के बाद डिप्टी डीएम प्रिया वर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘यदि मैं प्रशासन की अधिकारी नहीं होती मेरे साथ जिस तरह की बदतमीजी प्रदर्शनकारियों ने की तो भी मैं सामान्य महिला होने के नाते उन्हें पीटती।’ प्रिया इंदौर की रहने वाली हैं और सामान्य परिवार से हैं। उनके पिता किराने की दुकान चलाते हैं। 

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संजीव श्रीवास्तव
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