पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में फर्जी मतदाताओं का पता लगाया है। उनका आरोप है कि वोट चोरी में आरएसएस भी शामिल है। संजीव श्रीवास्तव की रिपोर्टः
वोट चोरी पकड़ने के दौरान भोपाल के एक इलाके में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने राजधानी भोपाल में ‘वोट चोरी’ को लेकर ‘छापेमारी’ की। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार में मंत्री विश्वास सारंग के निर्वाचन क्षेत्र नरेला विधानसभा क्षेत्र में की गई इस ‘छापेमारी’ में आरएसएस के शामिल होने के आरोप लगाये गये हैं।
दिग्विजय सिंह भोपाल के नरेला विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 189 पर पहुंचे थे। बूथ की वोटर लिस्ट के मकान नंबर 70 में फर्जी वोटरों की सूचना थी। मकान नंबर में मध्य प्रदेश शिक्षक संघ का दफ्तर है। आरएसएस पथ संचलन का बोर्ड भी लगा है। मकान के ऊपरी हिस्से में कोई एकेडमी भी चलती है।
बताया गया है दिग्विजय सिंह जब इस मकान के अंदर पहुंचे और पूछताछ की तो सामने आया कि वहां गौतम आर्य नामक एक व्यक्ति रह रहे हैं। कांग्रेस की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार गौतम आर्य ने खुद को ग्वालियर का निवासी बताते हुए कहा कि वे आरएसएस के शाखा प्रशिक्षक कि हैसियत से यहां रहते हैं। यहां बता दें ये वही जगह है, जहां आरएसएस की अक्सर बैठकें होती हैं।
दिग्विजय ने जब वोटर लिस्ट में दर्ज नामों का मिलान करना शुरू किया, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। करीब 1250 वर्ग फुट के इस मकान में 30 लोगों के नाम वोटर लिस्ट में दर्ज थे। दिग्विजय ने बीएलओ से सवाल-जवाब किए तो उन्होंने भी स्वीकारा कि इस मकान में दर्ज वोटर भौतिक रूप से उन्हें अब तक नहीं मिले।
बाद में पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा उनकी अपनी पड़ताल से साफ हो गया है, ‘जहां आरएसएस की बैठकें हो रही हैं, वहीं इस तरह का बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। उन्होंने पूछा कि इस गंभीर धांधली का दोष किसे दिया जाए? पूरी एसआईआर प्रक्रिया ही दोषपूर्ण लगती है।’
घर में 4 लोग, सूची में 108 नाम
इससे पहले भी दिग्विजय सिंह ने नरेला विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट से जुड़ा अन्य मामला उठाया था। उन्होंने दावा किया था, एक घर में वास्तविक मतदाता केवल 4 हैं, लेकिन मतदाता सूची में मकान नंबर पर 108 वोटरों के नाम दर्ज हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मांग की, ‘साल 2023 और 2025 में जो भी बीएलओ, एईआरओ और रिटर्निंग आफिसर रहे हैं, उनके दौर में वोटर लिस्ट अद्यतन के काम की जांच और जांच में पायी जा रही गड़बड़ियों को लेकर सभी के विरूद्ध कार्रवाई की जाना चाहिए।
मंत्री ने टिप्पणी से इनकार किया
नरेला विधानसभा क्षेत्र से जुड़े ताजा मसले को लेकर ‘सत्य हिन्दी’ ने क्षेत्रीय विधायक और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग से संपर्क किया। सारंग ने कहा, ‘इस मामले पर वे कोई टिप्पणी करना नहीं चाहते। एसआईआर हो रहा है।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘तमाम सवालों का माकूल जवाब, चुनाव आयोग ही दे सकता है।’
कांग्रेस कर चुकी है दो दर्जन शिकायत
मध्यप्रदेश कांग्रेस के चुनाव आयोग कार्य के प्रभारी जेपी धनोपिया ने ‘सत्य हिन्दी’ को बताया बीते तीन सप्ताह में एसआईआर से जुड़ी दो दर्जन के करीब गंभीर शिकायतें वे मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से कर चुके हैं। धनोपिया के अनुसार तमाम शिकायतों में सर्वाधिक शिकायतें 2003 की वोटर लिस्ट में नाम नहीं मिलने, एसआईआर सर्वे फार्म नहीं मिलने, फार्म भरकर बीएलओ को दिए जाने पर पावती न दिए जाने की हैं। उन्होंने बताया, अब तक की गई तमाम शिकायतों में एक ही का जवाब मिला है।
इस जवाब में मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने एक लाइन भर कही है, ‘एसआईआर का काम नियमानुसार किया जा रहा है।’
एसडीएम ने कहा जांच करायेंगे
दिग्विजय सिंह के अनुसार उनकी नरेला क्षेत्र के एसडीएम से फोन पर बात हुई है। उन्होंने कहा है कि हम पटवारी को भेजते हैं। हमने कहा कि हमें पटवारी से लेना-देना नहीं हैं। हमें तो बीएलओ, सुपरवाइजर और एआरओ से मुलाकात करनी थी।
41 लाख फार्म नहीं लौटे
मध्य प्रदेश में एसआईआर से जुड़ी अब तक की प्रक्रिया में कुल 5.74 करोड़ वोटरों में 41 लाख फार्म नहीं लौटे हैं। राज्य में 6 जिलों में सौ फीसदी काम पूरा होने और 39 में 95 प्रतिशत काम पूर्ण होने की बात मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने कही है। कार्यालय कह रहा है, ‘बचा हुआ काम वक्त से पहले ही पूर्ण हो जायेगा।’
आरएसएस के दफ्तर में दिग्विजय सिंह वोट चोरी की जांच करने पहुंचे
एसआईआर के कार्य में जुटे अमले में अब तक आधा दर्जन से ज्यादा बीएलओ की मौतें राज्य में दर्ज हुई हैं। इसमें सुसाइड जैसे घटनाक्रम भी शामिल हैं। मामलों की पड़ताल चल रही है। काफी संख्या में अमले में शामिल कर्मचारियों के बीमार पड़ने के मामले भी सामने आये हैं।