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भोपाल पुलिस ने किया जमात-ए-मुजाहिदीन के चार आतंकियों को पकड़ने का दावा

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने रविवार को प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-ए-मुजाहिदीन (जेएमबी) के 4 आतंकियों को पकड़ा है। ये चारों बांग्लादेशी हैं।

पुलिस मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश एटीएस को सूचना मिली थी कि कुछ आतंकी ऐशबाग क्षेत्र में छिपे हुए हैं। यह भी खबर थी कि वे बड़े घटनाक्रम को अंजाम देने की रणनीति बना रहे हैं।

सूचना के बाद एटीएस ने क्षेत्र की पुलिस के साथ मिलकर रविवार को छापामार कार्रवाई की। दल जब मौके पर पहुंचा तो संदिग्ध मकान में डेरा जमाये दो आंतकियों ने दरवाजा नहीं खोला। दबिश देने पर ये सामने आये तो पुलिस ने इन्हें दबोच लिया। 

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इनकी निशानदेही और सूचना पर एटीएस ने करोंद क्षेत्र के एक अन्य मकान पर धावा बोला। उस मकान से भी दो अन्य आतंकी पकड़े गए। 

एटीएस द्वारा पकड़े गये आतंकियों के नाम फजहर अली (32), मोहम्मद अकील (24), जहूरउद्दीन (28) और फजहर जैनुल (25) बताए गए हैं। पड़ताल में सामने आया है कि चारों बांग्लादेश के रहने वाले हैं। 

भोपाल में अलग-अलग क्षेत्रों में टिककर ये लोग आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की इनकी तैयारियों का दावा एटीएस सूत्रों ने किया है। 

हिरासत में लिए गए आतंकियों से भारी मात्रा में जेहादी साहित्य, इलेक्ट्रानिक उपकरण व संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी आतंकियों के जेएमबी से जुड़े होने की पुष्टि की है।

धमाकों में शामिल रहा है जेएमबी

जेएमबी को 2005 में बांग्लादेश के चार दर्जन से ज्यादा शहर-कस्बों में 300 स्थानों पर 500 बम विस्फोट करने का दोषी पाया गया था। 

साल 2014 में पश्चिम बंगाल के वर्धमान में बम ब्लास्ट हुआ था, जिसमें दो लोग मारे गए थे। जबकि बोधगया में 2018 में बम ब्लास्ट हुआ था, वो भी इसी संगठन ने किया था। 

जेएमबी द्वारा भारत में किए गए बम धमाकों के बाद केन्द्र की सरकार ने इस संगठन को पांच साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था।

कम्प्यूटर मैकेनिक ने दिलवाया था मकान

जिस मकान से दो आतंकी पकडे़ गये उसके मालिक नायाब जहां ने बताया कि करीब तीन महीने पहले एक परिचित कम्प्यूटर मैकेनिक सलमान ने अपने परिचित अहमद के लिए मकान किराए पर मांगा। सलमान ने बताया कि अहमद आलिम (धार्मिक शिक्षा) की पढ़ाई कर रहा है। मकान खाली था, इसलिए उसके कहने पर साढ़े तीन हजार रुपए महीने पर मकान दे दिया। अहमद ने किराया हमेशा कैश ही दिया।

उधर, पड़ोस में रहने वाली अन्य महिला ने दावा किया दोनों आतंकी करीब डेढ़ साल से नायाब जहां के मकान में रह रहे थे। महिला ने यह भी बताया कि इसी मकान के नजदीक ही एक लड़की भी किराए में रहती थी। संदिग्ध आतंकी इस लड़की को सूखा राशन देते थे। वह इन्हें खाना पका कर देती थी। वह 11 महीने पहले मकान खाली करके जा चुकी है।

मालवा रहा है सिमी का गढ़

मध्य प्रदेश का मालवा अंचल सिमी का गढ़ रहा है। कई संदिग्ध सिमी आंतकियों को मालवा क्षेत्र से पकड़ा गया है। सिमी के सरगना समेत काफी संख्या में सिमी के आतंकी भोपाल जेल में बंद हैं। इंदौर, उज्जैन के पास महिदपुर और उन्हैल इलाके से भी सिमी आतंकियों के तार जुड़े पाये गये हैं। इंदौर के करीब जंगल में सिमी आतंकी हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेते भी पकड़े जा चुके हैं। 

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भोपाल जेल में बढ़ाई गई है सुरक्षा

अहमदाबाद बम धमाके की घटना को लेकर तीन दर्जन आतंकियों को पिछले दिनों फांसी की सजा सुनाई गई है। सजा पाने वालों में भोपाल जेल में बंद सिमी के आतंकी भी शामिल हैं।

फांसी की सजा सुनाये जाने के बाद मध्य प्रदेश की सरकार ने भोपाल सेन्ट्रल जेल की सुरक्षा को बढ़ाया है। जेल के सभी ताले पिछले दिनों बदले गए हैं। जेल से नजदीकी थाने को हॉट लाइन से भी जोड़ा गया है। जेल के नंबर को विशेष पहचान देते हुए फोन पहुंचने पर अतिरिक्त एहतियात बरतने को कहा गया है।

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संजीव श्रीवास्तव
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